बनारस-हरिद्वार के घाट जैसा दिखेगा नोएडा एयरपोर्ट:एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का 85% काम पूरा, लेकिन फ्लाइट ट्रायल में देरी
बनारस-हरिद्वार के घाट जैसा दिखेगा नोएडा एयरपोर्ट:एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का 85% काम पूरा, लेकिन फ्लाइट ट्रायल में देरी
UP के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का करीब 85% काम पूरा हो गया है। फ्लाइट ट्रायल 30 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अब ये दिसंबर में होगा। तारीख तय नहीं है। एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि ट्रायल पूरी तरह मौसम पर निर्भर करेगा। अभी यहां बहुत धुंध है। 17 अप्रैल को नोएडा का स्थापना दिवस है, इसलिए इसी दिन कॉमर्शियल उड़ानें शुरू करने का टारगेट रखा गया है। काम पूरा नहीं हो पाया, तो इसकी तारीख भी बदल सकती है। रनवे की संख्या के लिहाज से एशिया के सबसे बड़े इस एयरपोर्ट का एंट्री वाला एरिया बनारस और हरिद्वार के घाट की तरह दिखाई देगा। एयरपोर्ट का कितना काम पूरा हुआ है, क्या बचा है, एयरपोर्ट तक कैसे जा सकते हैं, एयरपोर्ट के डिजाइन में क्या खास है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर एयरपोर्ट साइट पर पहुंचा। ये पहला मौका है जब किसी मीडिया हाउस को एयरपोर्ट साइट के अंदर वीडियो शूट करने की परमिशन मिली है। पढ़िए और देखिए कितना तैयार है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट। टर्मिनल में फिनिशिंग का काम शुरू, 2-3 महीने में पूरा करने का टारगेट
हम दिल्ली-नोएडा सेक्टर-14 एंट्री पॉइंट से एयरपोर्ट साइट के लिए निकले थे। पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे लगे। रास्ते में कहीं रेड लाइट नहीं है। हालांकि, सुबह का वक्त होने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर कई जगह बहुत ट्रैफिक मिला। ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर टोल प्लाजा पार करके एयरपोर्ट साइट है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े एक अधिकारी ने साइट को समझने में हमारी मदद की। सबसे पहले हम एयरपोर्ट की पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग पर पहुंचे। पहले फेज में यही टर्मिनल तैयार होना है। टर्मिनल के अंदर चेकिंग से लेकर बाकी सभी मशीनें लगाई जा चुकी हैं। हालांकि, टर्मिनल के बाहर और ऊपरी हिस्से का काफी काम बचा है। फ्लाइट की ओर जाने के लिए बन रहे एंट्री पॉइंट का काम लगभग पूरा हो चुका है। यहां फिनिशिंग की जा रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि अगले 2 से 3 महीने में सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे। मार्च में पैसेंजर टर्मिनल शुरू करने का टारगेट है, ताकि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में कॉमर्शियल एयरलाइंस ऑपरेशन शुरू कर सकें। टर्मिनल के बीच में हवेली के आंगन जैसा डिजाइन
अधिकारी बताते हैं कि टर्मिनल के बीच में हवेली के आंगन जैसा डिजाइन रहेगा। ऊपर का हिस्सा नदी के बहाव जैसी सफेद डिजाइन वाली जालीनुमा शेप से कवर होगा। इससे नेचुरल लाइट अंदर आ सकेगी। कोशिश है कि टर्मिनल में ग्रीन एनर्जी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए। यहां 50% से ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी का यूज होगा। इसके लिए सोलर प्लांट के साथ विंड पावर लगाए जा रहे हैं। आगे टर्मिनल से एयरक्राफ्ट पार्किंग तक पहुंचने के लिए लिंक तैयार किए जा रहे हैं। कई पार्किंग पॉइंट कनेक्ट करने का काम पेंडिंग है। इसे पूरा करने के लिए एक से दो महीने का टारगेट रखा है। 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार, जल्द ट्रायल शुरू करने की तैयारी
एयरपोर्ट पैसेंजर टर्मिनल से हम रनवे की तरफ बढ़े। प्लेन को रनवे तक ले जाने वाला रोड अभी तैयार हो रहा है। हम कुछ देर कच्चे रास्ते पर चले। फिर सड़क से 3900 मीटर लंबे रनवे तक पहुंचे। यहां से एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम दिखाई देता है। हमें बताया गया कि रनवे का काम पूरा हो चुका है। अब कभी भी ट्रायल शुरू हो सकता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों ने बताया कि 10 से 14 अक्टबूर तक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम के कैलिब्रेशन का काम पूरा हो गया। इसे DGCA और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मदद से किया गया। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम रेडियो नेविगेशन सिस्टम होता है। एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे
नोएडा एयरपोर्ट से 70 किमी के दायरे में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, अलीगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली का IGI एयरपोर्ट है। यहां से आगरा 130 किमी है। शुरू के 5 साल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रोड कनेक्टिविटी ही रहेगी। इसके लिए एयरपोर्ट से आसपास के शहरों तक 80 बसें चलाई जाएंगी। पहली उड़ान के साथ ही ये बसें चलने लगेंगी। इनसे दिल्ली के अलावा पश्चिमी UP के मेरठ, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ से एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। बसें उत्तर प्रदेश रोडवेज चलाएगा। 2030 तक मेरठ, दिल्ली, नोएडा हाई स्पीड रेल से कनेक्ट होंगे
2030 तक नोएडा एयरपोर्ट को गाजियाबाद और दिल्ली से सीधे हाई स्पीड रैपिड रेल से जोड़ दिया जाएगा। हाई स्पीड रैपिड रेल से गाजियाबाद को मेरठ से जोड़ा गया है, यानी नोएडा एयरपोर्ट से मेरठ तक कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। गाजियाबाद और नोएडा एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल के 35 स्टेशन होंगे। करीब 72.29 किमी लंबा एलिवेटेड रूट बनेगा। एक ही ट्रैक पर रैपिड रेल और मेट्रो दोनों दौड़ेंगी। मेट्रो हर स्टेशन पर रुकेगी, वहीं रैपिड रेल गिने-चुने स्टेशन पर रुकेंगी। इनके जरिए एयरपोर्ट तक कम वक्त में पहुंचा जा सकेगा। दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से जोड़ने का प्लान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से जोड़ने का प्लान है। इस ट्रेन से दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने में सिर्फ 21 मिनट लगेंगे। यमुना अथॉरिटी के नोडल अधिकारी का कहना है कि अभी इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसके अलावा फरीदाबाद-जेवर लिंक एक्सप्रेस वे बन रहा है। बल्लभगढ़ के मोहना से अप्रैल 2025 तक सीधे एक्सप्रेस वे से आ सकेंगे। हालांकि, फरीदाबाद से आने के लिए दिसंबर, 2025 तक का इंतजार करना होगा। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, एयरपोर्ट तक नोएडा के अलावा आगरा, मथुरा, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद से सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर एयरपोर्ट से एक किमी से भी कम दूरी पर दयानतपुर गांव के पास इंटरचेंज पॉइंट बनाया गया है। यहीं से दिल्ली, नोएडा, आगरा, मथुरा या फरीदाबाद से आने वाले लोग सीधे एयरपोर्ट टर्मिनल में एंट्री कर सकेंगे। इस बारे में दैनिक भास्कर ने NHAI के इंजीनियर मुक्तेश्वर
UP के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज का करीब 85% काम पूरा हो गया है। फ्लाइट ट्रायल 30 नवंबर से शुरू होना था, लेकिन अब ये दिसंबर में होगा। तारीख तय नहीं है। एयरपोर्ट के कंस्ट्रक्शन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि ट्रायल पूरी तरह मौसम पर निर्भर करेगा। अभी यहां बहुत धुंध है। 17 अप्रैल को नोएडा का स्थापना दिवस है, इसलिए इसी दिन कॉमर्शियल उड़ानें शुरू करने का टारगेट रखा गया है। काम पूरा नहीं हो पाया, तो इसकी तारीख भी बदल सकती है। रनवे की संख्या के लिहाज से एशिया के सबसे बड़े इस एयरपोर्ट का एंट्री वाला एरिया बनारस और हरिद्वार के घाट की तरह दिखाई देगा। एयरपोर्ट का कितना काम पूरा हुआ है, क्या बचा है, एयरपोर्ट तक कैसे जा सकते हैं, एयरपोर्ट के डिजाइन में क्या खास है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर एयरपोर्ट साइट पर पहुंचा। ये पहला मौका है जब किसी मीडिया हाउस को एयरपोर्ट साइट के अंदर वीडियो शूट करने की परमिशन मिली है। पढ़िए और देखिए कितना तैयार है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट। टर्मिनल में फिनिशिंग का काम शुरू, 2-3 महीने में पूरा करने का टारगेट
हम दिल्ली-नोएडा सेक्टर-14 एंट्री पॉइंट से एयरपोर्ट साइट के लिए निकले थे। पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे लगे। रास्ते में कहीं रेड लाइट नहीं है। हालांकि, सुबह का वक्त होने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर कई जगह बहुत ट्रैफिक मिला। ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेस वे पर जेवर टोल प्लाजा पार करके एयरपोर्ट साइट है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े एक अधिकारी ने साइट को समझने में हमारी मदद की। सबसे पहले हम एयरपोर्ट की पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग पर पहुंचे। पहले फेज में यही टर्मिनल तैयार होना है। टर्मिनल के अंदर चेकिंग से लेकर बाकी सभी मशीनें लगाई जा चुकी हैं। हालांकि, टर्मिनल के बाहर और ऊपरी हिस्से का काफी काम बचा है। फ्लाइट की ओर जाने के लिए बन रहे एंट्री पॉइंट का काम लगभग पूरा हो चुका है। यहां फिनिशिंग की जा रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि अगले 2 से 3 महीने में सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे। मार्च में पैसेंजर टर्मिनल शुरू करने का टारगेट है, ताकि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में कॉमर्शियल एयरलाइंस ऑपरेशन शुरू कर सकें। टर्मिनल के बीच में हवेली के आंगन जैसा डिजाइन
अधिकारी बताते हैं कि टर्मिनल के बीच में हवेली के आंगन जैसा डिजाइन रहेगा। ऊपर का हिस्सा नदी के बहाव जैसी सफेद डिजाइन वाली जालीनुमा शेप से कवर होगा। इससे नेचुरल लाइट अंदर आ सकेगी। कोशिश है कि टर्मिनल में ग्रीन एनर्जी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए। यहां 50% से ज्यादा रिन्यूएबल एनर्जी का यूज होगा। इसके लिए सोलर प्लांट के साथ विंड पावर लगाए जा रहे हैं। आगे टर्मिनल से एयरक्राफ्ट पार्किंग तक पहुंचने के लिए लिंक तैयार किए जा रहे हैं। कई पार्किंग पॉइंट कनेक्ट करने का काम पेंडिंग है। इसे पूरा करने के लिए एक से दो महीने का टारगेट रखा है। 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार, जल्द ट्रायल शुरू करने की तैयारी
एयरपोर्ट पैसेंजर टर्मिनल से हम रनवे की तरफ बढ़े। प्लेन को रनवे तक ले जाने वाला रोड अभी तैयार हो रहा है। हम कुछ देर कच्चे रास्ते पर चले। फिर सड़क से 3900 मीटर लंबे रनवे तक पहुंचे। यहां से एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम दिखाई देता है। हमें बताया गया कि रनवे का काम पूरा हो चुका है। अब कभी भी ट्रायल शुरू हो सकता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों ने बताया कि 10 से 14 अक्टबूर तक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम के कैलिब्रेशन का काम पूरा हो गया। इसे DGCA और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मदद से किया गया। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम रेडियो नेविगेशन सिस्टम होता है। एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचेंगे
नोएडा एयरपोर्ट से 70 किमी के दायरे में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, अलीगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली का IGI एयरपोर्ट है। यहां से आगरा 130 किमी है। शुरू के 5 साल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रोड कनेक्टिविटी ही रहेगी। इसके लिए एयरपोर्ट से आसपास के शहरों तक 80 बसें चलाई जाएंगी। पहली उड़ान के साथ ही ये बसें चलने लगेंगी। इनसे दिल्ली के अलावा पश्चिमी UP के मेरठ, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़ से एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। बसें उत्तर प्रदेश रोडवेज चलाएगा। 2030 तक मेरठ, दिल्ली, नोएडा हाई स्पीड रेल से कनेक्ट होंगे
2030 तक नोएडा एयरपोर्ट को गाजियाबाद और दिल्ली से सीधे हाई स्पीड रैपिड रेल से जोड़ दिया जाएगा। हाई स्पीड रैपिड रेल से गाजियाबाद को मेरठ से जोड़ा गया है, यानी नोएडा एयरपोर्ट से मेरठ तक कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। गाजियाबाद और नोएडा एयरपोर्ट के बीच रैपिड रेल के 35 स्टेशन होंगे। करीब 72.29 किमी लंबा एलिवेटेड रूट बनेगा। एक ही ट्रैक पर रैपिड रेल और मेट्रो दोनों दौड़ेंगी। मेट्रो हर स्टेशन पर रुकेगी, वहीं रैपिड रेल गिने-चुने स्टेशन पर रुकेंगी। इनके जरिए एयरपोर्ट तक कम वक्त में पहुंचा जा सकेगा। दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से जोड़ने का प्लान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से जोड़ने का प्लान है। इस ट्रेन से दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने में सिर्फ 21 मिनट लगेंगे। यमुना अथॉरिटी के नोडल अधिकारी का कहना है कि अभी इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसके अलावा फरीदाबाद-जेवर लिंक एक्सप्रेस वे बन रहा है। बल्लभगढ़ के मोहना से अप्रैल 2025 तक सीधे एक्सप्रेस वे से आ सकेंगे। हालांकि, फरीदाबाद से आने के लिए दिसंबर, 2025 तक का इंतजार करना होगा। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, एयरपोर्ट तक नोएडा के अलावा आगरा, मथुरा, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद से सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर एयरपोर्ट से एक किमी से भी कम दूरी पर दयानतपुर गांव के पास इंटरचेंज पॉइंट बनाया गया है। यहीं से दिल्ली, नोएडा, आगरा, मथुरा या फरीदाबाद से आने वाले लोग सीधे एयरपोर्ट टर्मिनल में एंट्री कर सकेंगे। इस बारे में दैनिक भास्कर ने NHAI के इंजीनियर मुक्तेश्वर शुक्ला से बात की। वे बताते हैं कि जेवर टोल से 3 किमी पहले यमुना एक्सप्रेस वे पर लूप बनाया गया है। फरीदाबाद से अभी नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। अब जेवर-फरीदाबाद लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके बनने के बाद 30 से 35 मिनट ही लगेंगे। पेपरलेस होगा एयरपोर्ट, 240 कमरों का होटल बनेगा
एयरपोर्ट अधिकारी बताते हैं, ‘एयरपोर्ट पूरी तरह पेपरलेस बनाया जा रहा है। किसी को एयरपोर्ट आकर टिकट लेने की जरूरत नहीं होगी। यात्री ऐप के जरिए बुकिंग से लेकर चेक इन तक कर सकेंगे। ID प्रूफ भी उसी से चेक होंगे। हालांकि, ये सुविधा काउंटर पर भी मिलेगी।' 'टर्मिनल पर पहले फेज में 240 कमरों का होटल बनाया जा रहा है। इसकी बुकिंग, चेक इन और चेक आउट ऑनलाइन होगा। यहां शॉपिंग के लिए लोकल से इंटरनेशनल सभी ब्रांड होंगे। बैगेज चेकिंग के लिए हाईटेक फैसिलिटी बनाई गई है। इसके लिए फास्ट डिलीवरी वाली टेक्नोलॉजी मंगाई गई है।' वर्ल्ड क्लास लाउंज, लोकल फूड से इंटरनेशनल डिश तक मिलेगी
दैनिक भास्कर ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों से पैसेंजर टर्मिनल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रैवल फूड सर्विसेज से कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। ये देश-दुनिया की अलग-अलग तरह के खाने का ऑप्शन मुहैया कराएंगे। टर्मिनल में वर्ल्ड क्लास लाउंज बनाया जा रहा है। इनमें एक प्रीमियम और दूसरा लग्जरी जोन होगा। लाउंज में लाइव इंटरेक्टिव फूड स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां अलग-अलग रेंज में फूड मिलेंगे। फूड जोन में मथुरा की गलियों में मिलने वाले खाने से इंटरनेशनल डिश तक सब मिलेगा। नोएडा एयरपोर्ट टर्मिनल पर यात्रियों को कॉकटेल बार की सुविधा भी मिलेगी। वर्ल्ड क्लास स्पा शुरू होगा। ये सुविधाएं सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट की तर्ज पर मिलेंगी। मल्टी मॉडल कार्गो हब से NCR और UP को मिलेगा फायदा
नोएडा एयरपोर्ट पर मल्टी-मॉडल कार्गो हब के कंस्ट्रक्शन का काम सितंबर, 2023 से चल रहा है। इसका फायदा NCR के साथ उत्तरप्रदेश को भी मिलेगा। 80 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बन रहा कार्गो हब डोमेस्टिक और इंटरनेशनल शिपमेंट से लेकर एक्सप्रेस कार्गो और ट्रांसशिपमेंट की जरूरत पूरी करेगा। पहले फेज में हब की क्षमता लगभग 2 लाख टन सालाना होगी। आखिरी फेज में इसे 20 लाख टन तक बढ़ाया जाएगा। टर्मिनल के अंदर मिलने वाले सुविधाओं और इंतजाम के बारे में अभी बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। नोएडा एयरपोर्ट के अधिकारी बताते हैं कि अभी यहां से कॉमर्शियल उड़ान के लिए दो एयरलाइंस ही फाइनल हुईं हैं। और भी एयरलाइंस से बात चल रही है। सभी फाइनल होने के बाद ही इंतजामों की डिटेल दी जा सकेगी। एयरपोर्ट की खास बातें…
रनवे के लिहाज से एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 5 रनवे बनाए जाने हैं। यहां छठवां रनवे भी बनाया जा सकता है। इसके बाद ये एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का छठवें नंबर का एयरपोर्ट होगा। रनवे के लिहाज से एशिया में चीन का शंघाई पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे बड़ा है। यहां 5 रनवे हैं। एरिया के हिसाब से नोएडा एयरपोर्ट भारत में ही चौथे नंबर पर है। ये करीब 3300 एकड़ जमीन में बन रहा है। पहले फेज में एयरपोर्ट बनाने के लिए यमुना डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 3300 एकड़ जमीन अलॉट की है। ये एरिया करीब 13.35 स्क्वायर किमी है। पहले नंबर पर हैदराबाद का राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो करीब 5500 एकड़ यानी 22.25 स्क्वायर किमी में बना है। दूसरे नंबर पर दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो 5106 एकड़ या 21 स्क्वायर किमी में है। तीसरे नंबर पर बेंगलुरु का केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट है, जिसका एरिया करीब 4 हजार एकड़ है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 51 वर्ग किमी में बनना प्रस्तावित है। अगर ऐसा हुआ तो एरिया वाइज भी ये एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा। अभी एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट चीन का बीजिंग डेक्सिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इसका एरिया 47 वर्ग किमी है। 72 किमी दूर दिल्ली एयरपोर्ट, फिर नोएडा एयरपोर्ट की जरूरत क्यों पड़ी
इस सवाल का जवाब भारत सरकार के इकॉनमिक सर्वे में मिलता है। 2023-24 के इकोनॉमिक सर्वे में एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाने का जिक्र है। इसमें लिखा है कि 2014 के बाद से भारत में एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हुई है। यात्रियों की संख्या भी हर साल बढ़ रही है, इससे ज्यादा एयरपोर्ट्स की जरूरत है। डोमेस्टिक फ्लाइट के यात्रियों के मामले में भारत दुनिया में तीसरा बड़ा देश है। 2024 में भारतीय एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की संख्या 15% बढ़कर 37.6 करोड़ हो गई। इनमें डोमेस्टिक एयर पैसेंजर्स 30.6 करोड़ हैं। इसमें 13% की बढ़ोतरी हुई है। इंटरनेशनल एयर पैसेंजर्स की संख्या 22% बढ़कर करीब 7 करोड़ हो गई। भारत में एयर ट्रैवल करने वाले 37.6 करोड़ यात्रियों में से 7.35 करोड़ दिल्ली एयरपोर्ट के हैं। यही वजह है कि दिल्ली के पास एक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत महसूस हुई। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मार्च 2022 से मार्च 2024 तक की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भारत का सबसे बिजी एयरपोर्ट है। 2001 में राजनाथ सिंह ने दिया था नए एयरपोर्ट का आइडिया
जेवर में जिस जगह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है, उसके बारे में सबसे पहले 2001 में राजनाथ सिंह ने सोचा था। वे तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने ग्रेटर नोएडा के आसपास ताज इंटरनेशनल एविएशन हब बनाने का आइडिया दिया था। 2012 में CM रहे अखिलेश यादव ने इस एयरपोर्ट को आगरा में बनाने पर विचार किया। जून 2013 में अखिलेश सरकार ने प्रस्ताव रखा कि नया एयरपोर्ट फिरोजाबाद की टूंडला तहसील के कुरीकुपा गांव के पास बने। इसके लिए 1200 एकड़ जमीन की जरूरत थी। जनवरी, 2014 में गृह मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जता दी थी। जून, 2015 में दिल्ली के पास जेवर में एयरपोर्ट बनाने का प्लान दिया गया, जिसे सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने मंजूर कर दिया। जुलाई, 2017 में एयरपोर्ट साइट को पहली बार क्लियरेंस मिला। मई 2018 में भारत सरकार ने एयरपोर्ट को मंजूरी दे दी। अगले दो साल में, यानी 2020 तक एयरपोर्ट के लिए करीब 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। 29 नवंबर, 2019 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने टेंडर हासिल किया था। 2021 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान अप्रूव किया। 25 नवंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी नींव रखी। 2022 में ही टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड सिविल कंस्ट्रक्शन को कॉन्ट्रैक्ट मिला। 27 सितंबर, 2023 को एयरपोर्ट को ऑफिशियल IATA कोड DXN मिला। ये कोड इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन जारी करती है। ..................................... मेगा प्रोजेक्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... कैसे बना दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब रेलवे ब्रिज, कश्मीर को दिल्ली से सीधे जोड़ेगा कश्मीर की चिनाब घाटी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज इंजीनियरिंग का शानदार नमूना है। 16 साल में 1486 करोड़ रुपए की लागत से बना ये ब्रिज भारतीय रेलवे के लिए अब तक का सबसे चैलेंजिंग प्रोजेक्ट रहा है। चिनाब रेलवे ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 35 हजार करोड़ रुपए है। पढ़िए पूरी खबर...