जरूरत की खबर- क्या आपका पीने का पानी शुद्ध है:डॉक्टर से जानें TDS क्या है, ये क्यों जरूरी, कैसे करें चेक, कितनी मात्रा है सही
जरूरत की खबर- क्या आपका पीने का पानी शुद्ध है:डॉक्टर से जानें TDS क्या है, ये क्यों जरूरी, कैसे करें चेक, कितनी मात्रा है सही
आजकल शहर से लेकर गांव तक शुद्ध और स्वच्छ जल चुनौती बनता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या, इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन, प्राकृतिक जल स्रोतों का सीमित होना और कुओं, तालाब और झीलों की सही तरीके से देखभाल न हो पाना, यही वजहें हैं कि स्वच्छ पेयजल मिलना कठिन होता जा रहा है। आज बड़े शहरों में आपको अधिकांश घरों में रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम लगे मिल जाएंगे। हालांकि RO लगवाने के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता के लिए टोटल डिजॉल्वड सॉलिड्स यानी TDS का ध्यान रखना भी जरूरी है। TDS का संतुलन बिगड़ने से पानी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि पानी की शुद्धता का पैमाना क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर, इंटरनल मेडिसिन, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ सागर गौड़, वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट, कानपुर सवाल- TDS क्या है?
जवाब- पानी में घुले हुए वे पदार्थ जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं और सामान्य फिल्टर से अलग नहीं होते हैं, उन्हें TDS कहा जाता है। जब पानी पत्थरों, पाइपों या अन्य सतहों से होकर गुजरता है तो उसमें ये कण मिल जाते हैं। सवाल- पानी में TDS की जांच क्यों की जाती है?
जवाब- पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए TDS की जांच की जाती है। यह स्वास्थ्य, स्वाद और पानी की क्वालिटी, तीनों को प्रभावित करता है। इसी से यह पता चलता है कि पानी पीने योग्य है या नहीं। TDS की मात्रा कम या ज्यादा होना, दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक है। सवाल- पानी में TDS की मात्रा बहुत कम या अधिक होने का क्या अर्थ है?
जवाब- पानी में TDS की मात्रा बहुत कम होने का अर्थ है कि पानी में जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम नहीं हैं। इससे पानी फीका या बेस्वाद लग सकता है। लंबे समय तक यह पानी पीने से शरीर में मिनरल्स की कमी हो सकती है। जबकि TDS की मात्रा बहुत अधिक होने का अर्थ है कि पानी अशुद्ध है। ऐसा पानी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सवाल- पानी में TDS की मात्रा सही होना क्यों जरूरी है?
जवाब- डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर बताते हैं कि पानी हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन के बाद दूसरी सबसे जरूरी चीज है। पानी शरीर के हर फंक्शन को सही तरीके से चलाने में मदद करता है। हमारे शरीर का लगभग 60-70% हिस्सा पानी से बना होता है। इसलिए दूषित पानी की पहचान करना जरूरी है। अधिक कैल्शियम, मैग्नीशियम के कारण किडनी पर दबाव बढ़ता है। इससे किडनी स्टोन और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं पानी में अधिक सोडियम की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है। इसके साथ ही इससे पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए- सवाल- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पानी में TDS की मात्रा कितनी होनी चाहिए? जवाब- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि 1 लीटर पानी में 300 मिलीग्राम से कम TDS लेवल होना चाहिए। वहीं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के मुताबिक, एक लीटर पानी में TDS की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए। सवाल- पानी को शुद्ध करने के लिए घर पर RO कब लगवाना चाहिए?
जवाब- लोग पानी को शुद्ध करके उसे स्वच्छ और पीने योग्य बनाने के लिए RO लगवाते हैं। खासकर RO को उन जगहों पर जरूर लगवाना चाहिए, जहां पानी में TDS, केमिकल्स और बैक्टीरिया ज्यादा होते हैं। यह हार्ड वाटर को सॉफ्ट बनाता है और पानी के हानिकारक तत्वों को हटाता है। अगर पानी का TDS पहले से 50 से 200 PPM (पार्ट्स प्रति मिलियन) के बीच है तो RO की जरूरत नहीं है। सवाल- घर पर RO लगवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- RO खरीदने और इंस्टॉल करवाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि शुद्ध और पीने योग्य पानी मिल सके। इसे इन पॉइंटर्स से समझिए- सवाल- घर पर पानी में TDS की मात्रा कैसे चेक कर सकते हैं?
जवाब- घर पर पानी की शुद्धता और क्वालिटी चेक करने के लिए आप वाटर क्वालिटी टेस्टर की मदद ले सकते हैं। यह थर्मामीटर जैसी एक डिवाइस होती है, जिसमें एक डिजिटल डिस्प्ले होता है। इसकी मदद से पानी में मौजूद TDS का लेवल चेक कर सकते हैं। TDS मीटर से पानी की क्वालिटी चेक करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें। सवाल- RO का मेंटेनेंस कितने दिनों में कराना चाहिए?
जवाब- वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट सागर गौड़ बताते हैं कि हर 6 महीने पर RO मशीन की जांच कराना जरूरी है। साथ ही समय-समय पर इसके पार्ट्स की साफ-सफाई करानी चाहिए। ………………… सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
सेहतनामा- क्या पानी पीने से किडनी स्टोन ठीक हो जाएगा:क्यों होता है किडनी स्टोन, डॉक्टर से जानिए हर जरूरी सवाल का जवाब ‘नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन’ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में पूरी दुनिया में 11.5 करोड़ लोगों को किडनी स्टोन की समस्या थी। ये मामले हर साल बढ़ रहे हैं। जो लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, उन्हें किडनी स्टोन होने की आशंका सबसे अधिक होती है। पूरी खबर पढ़िए...
आजकल शहर से लेकर गांव तक शुद्ध और स्वच्छ जल चुनौती बनता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या, इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन, प्राकृतिक जल स्रोतों का सीमित होना और कुओं, तालाब और झीलों की सही तरीके से देखभाल न हो पाना, यही वजहें हैं कि स्वच्छ पेयजल मिलना कठिन होता जा रहा है। आज बड़े शहरों में आपको अधिकांश घरों में रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम लगे मिल जाएंगे। हालांकि RO लगवाने के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता के लिए टोटल डिजॉल्वड सॉलिड्स यानी TDS का ध्यान रखना भी जरूरी है। TDS का संतुलन बिगड़ने से पानी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि पानी की शुद्धता का पैमाना क्या है? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर, इंटरनल मेडिसिन, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ सागर गौड़, वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट, कानपुर सवाल- TDS क्या है?
जवाब- पानी में घुले हुए वे पदार्थ जो आंखों से दिखाई नहीं देते हैं और सामान्य फिल्टर से अलग नहीं होते हैं, उन्हें TDS कहा जाता है। जब पानी पत्थरों, पाइपों या अन्य सतहों से होकर गुजरता है तो उसमें ये कण मिल जाते हैं। सवाल- पानी में TDS की जांच क्यों की जाती है?
जवाब- पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए TDS की जांच की जाती है। यह स्वास्थ्य, स्वाद और पानी की क्वालिटी, तीनों को प्रभावित करता है। इसी से यह पता चलता है कि पानी पीने योग्य है या नहीं। TDS की मात्रा कम या ज्यादा होना, दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक है। सवाल- पानी में TDS की मात्रा बहुत कम या अधिक होने का क्या अर्थ है?
जवाब- पानी में TDS की मात्रा बहुत कम होने का अर्थ है कि पानी में जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम नहीं हैं। इससे पानी फीका या बेस्वाद लग सकता है। लंबे समय तक यह पानी पीने से शरीर में मिनरल्स की कमी हो सकती है। जबकि TDS की मात्रा बहुत अधिक होने का अर्थ है कि पानी अशुद्ध है। ऐसा पानी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सवाल- पानी में TDS की मात्रा सही होना क्यों जरूरी है?
जवाब- डॉ. सत्येंद्र कुमार सोनकर बताते हैं कि पानी हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन के बाद दूसरी सबसे जरूरी चीज है। पानी शरीर के हर फंक्शन को सही तरीके से चलाने में मदद करता है। हमारे शरीर का लगभग 60-70% हिस्सा पानी से बना होता है। इसलिए दूषित पानी की पहचान करना जरूरी है। अधिक कैल्शियम, मैग्नीशियम के कारण किडनी पर दबाव बढ़ता है। इससे किडनी स्टोन और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं पानी में अधिक सोडियम की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है। इसके साथ ही इससे पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए- सवाल- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पानी में TDS की मात्रा कितनी होनी चाहिए? जवाब- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि 1 लीटर पानी में 300 मिलीग्राम से कम TDS लेवल होना चाहिए। वहीं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के मुताबिक, एक लीटर पानी में TDS की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए। सवाल- पानी को शुद्ध करने के लिए घर पर RO कब लगवाना चाहिए?
जवाब- लोग पानी को शुद्ध करके उसे स्वच्छ और पीने योग्य बनाने के लिए RO लगवाते हैं। खासकर RO को उन जगहों पर जरूर लगवाना चाहिए, जहां पानी में TDS, केमिकल्स और बैक्टीरिया ज्यादा होते हैं। यह हार्ड वाटर को सॉफ्ट बनाता है और पानी के हानिकारक तत्वों को हटाता है। अगर पानी का TDS पहले से 50 से 200 PPM (पार्ट्स प्रति मिलियन) के बीच है तो RO की जरूरत नहीं है। सवाल- घर पर RO लगवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब- RO खरीदने और इंस्टॉल करवाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि शुद्ध और पीने योग्य पानी मिल सके। इसे इन पॉइंटर्स से समझिए- सवाल- घर पर पानी में TDS की मात्रा कैसे चेक कर सकते हैं?
जवाब- घर पर पानी की शुद्धता और क्वालिटी चेक करने के लिए आप वाटर क्वालिटी टेस्टर की मदद ले सकते हैं। यह थर्मामीटर जैसी एक डिवाइस होती है, जिसमें एक डिजिटल डिस्प्ले होता है। इसकी मदद से पानी में मौजूद TDS का लेवल चेक कर सकते हैं। TDS मीटर से पानी की क्वालिटी चेक करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें। सवाल- RO का मेंटेनेंस कितने दिनों में कराना चाहिए?
जवाब- वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट सागर गौड़ बताते हैं कि हर 6 महीने पर RO मशीन की जांच कराना जरूरी है। साथ ही समय-समय पर इसके पार्ट्स की साफ-सफाई करानी चाहिए। ………………… सेहत से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
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