सेहतनामा- नाखून भी देता है बीमारी का संकेत:रंग और आकार में बदलाव को न करें इग्नोर, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब

नाखून हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये केराटिन से बने होते हैं, जो बालों और स्किन में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। नाखून हाथ और पैर की उंगलियों के ऊपरी भाग की रक्षा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाखूनों की बनावट, रंग और उनकी स्थिति हमारी सेहत के बारे में संकेत भी देती है। आमतौर नाखूनों का रंग हल्का गुलाबी होना चाहिए। इसके बजाय अगर वे सफेद, पीले, नीले या काले हैं या उनकी बनावट असामान्य है तो ये कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के मुताबिक, अगर नाखूनों पर काले धब्बे या स्ट्राइप्स हों तो ये मेलेनोमा (स्किन कैंसर) का संभावित संकेत हो सकता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अगर नाखूनों की सतह पर छोटे-छोटे डेंट दिखते हैं तो ये सोरायसिस (स्किन डिजीज) का संकेत हो सकता है। इसलिए आज सेहतनामा में बात करेंगे कि नाखून कैसे हमारी सेहत का हाल बताते हैं। साथ ही जानेंगे कि- नाखून हमें किसी गंभीर स्थिति से पहले करते अलर्ट नाखूनों के रंग और उनकी बनावट शरीर में पोषक तत्वों की कमी, लिवर में प्रॉब्लम और हार्ट से जुड़ी बीमारियों समेत कई महत्वपूर्ण संकेत देती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल डर्मेटोलॉजी के मुताबिक, नाखूनों पर सफेद धब्बे लिवर प्रॉब्लम्स या किडनी फेल्योर का संकेत हो सकते हैं। वहीं ऑनलाइन डेटाबेस ‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, नाखून चबाना एक ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) है, जो एक मेंटल हेल्थ कंडीशन है। नाखूनों का रंग देता बीमारियों का संकेत नाखूनों का बहुत हल्का या सफेद होना आयरन की कमी (एनीमिया), लिवर और हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है। वहीं पीले नाखून अक्सर फंगल इन्फेक्शन और डायबिटीज का संकेत देते हैं। नाखूनों का नीला रंग ब्लड में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है, जो हार्ट या लंग्स की समस्या को दर्शाता है। इसके अलावा अगर नाखूनों का रंग अचानक बदल जाता है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। नाखूनों के रंग और इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के संकेतों के बारे में नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- असामान्य नाखून भी अच्छी सेहत का संकेत नहीं नाखूनों की बनावट में बदलाव भी कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत है। बनावट में किसी भी प्रकार का बदलाव शरीर के भीतर हो रहे परिवर्तनों को दर्शाता है। अगर नाखून अधिक पतले हो गए हैं और आसानी से टूटने लगे हैं तो यह विटामिन्स और मिनरल्स की कमी का संकेत हो सकता है। अगर नाखूनों के किनारे ऊपर की ओर उठने लगे हैं तो यह हार्ट, लंग्स, लिवर समेत कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। नाखूनों का अंदर की ओर मुड़ना या चम्मच जैसे शेप का होना आयरन की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा नाखूनों के कुछ अन्य बदलाव भी बीमारियों का संकेत देते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- नाखूनों में बदलाव के साथ अन्य संकेतों को भी करें नोटिस अगर नाखूनों के रंग या उनकी बनावट में कोई बदलाव लंबे समय तक दिखे तो यह शरीर में हो रहे किसी आंतरिक असंतुलन का संकेत है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर नाखूनों के रंग व बनावट में परिवर्तन के साथ-साथ शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जैसेकि- नाखूनों से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल- नाखून का कौन सा रंग बेहतर स्वास्थ्य का संकेत देता है? जवाब- गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में सीनियर डायरेक्टर डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि हेल्दी नाखूनों का रंग हल्का गुलाबी होता है। इसका मतलब है कि ब्लड सर्कुलेशन सही है और शरीर स्वस्थ है। सवाल- नाखून क्यों टूटते हैं? जवाब- नाखूनों के टूटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे पोषक तत्वों की कमी, असंतुलित हॉर्मोन, ज्यादा नमी या केमिकल के संपर्क में आना। सवाल- क्या नाखून के रंग और उनकी बनावट में बदलाव हमेशा बीमारी का संकेत होता है? जवाब- डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि नहीं, नाखूनों के रंग या बनावट में बदलाव हमेशा ही बीमारियों का संकेत नहीं होता है। लेकिन ये कभी-कभी बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर लंबे समय तक नाखूनों में कोई परिवर्तन दिखे तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सवाल- अगर नाखून बार-बार टूट रहे हैं तो क्या करें? जवाब- इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें। उसके अनुसार ही कोई ट्रीटमेंट करें। इसके साथ ही नाखूनों को अधिक केमिकल प्रोडक्ट्स जैसे डिटर्जेंट या नेल पॉलिश से बचाएं। इससे नाखून कमजोर हो सकते हैं और टूटने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा पानी की कमी से भी नाखूनों की सेहत प्रभावित हो सकती है। पर्याप्त पानी पीने से नाखूनों को अंदर से नमी मिलती है, जो उन्हें टूटने से बचाती है। सवाल- नाखूनों की अच्छी देखभाल के लिए क्या करना चाहिए? जवाब- इसके लिए नाखूनों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज करें। उन्हें समय-समय पर काटते रहें, जिससे उनकी बनावट सही बनी रहे। इसके साथ ही हेल्दी डाइट लें और केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें। हाइजीन का ध्यान रखें, ताकि उनमें किसी भी तरह का इन्फेक्शन न होने पाए। सवाल- क्या खराब नाखून को ठीक किया जा सकता है? जवाब- डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि अगर नाखूनों में खराबी पोषक तत्वों की कमी, हॉर्मोनल असंतुलन या किसी बीमारी के कारण है तो उस समस्या का इलाज करने से उनमें सुधार हो सकता है। इसके अलावा कुछ दवाओं के जरिए भी इसे ठीक किया जा सकता है। ………………… सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- सिर से पांव तक शरीर करता इशारे: डॉक्टर से जानिए मोटी गर्दन, लाल-काले मस्से, बढ़ती तोंद किस बीमारी के संकेत हमारे शरीर का विज्ञान बहुत उन्नत है। कोई भी समस्या होने पर हमें तुरंत खबर करता है। यह सिर्फ जुकाम, खांसी और बुखार तक सीमित नहीं है। लिवर डैमेज और किडनी फेल्योर जैसी गंभीर हेल्थ कंडीशन से पहले भी संकेत देता है। पूरी खबर पढ़िए...

सेहतनामा- नाखून भी देता है बीमारी का संकेत:रंग और आकार में बदलाव को न करें इग्नोर, डॉक्टर से जानें हर जरूरी सवाल का जवाब
नाखून हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये केराटिन से बने होते हैं, जो बालों और स्किन में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। नाखून हाथ और पैर की उंगलियों के ऊपरी भाग की रक्षा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाखूनों की बनावट, रंग और उनकी स्थिति हमारी सेहत के बारे में संकेत भी देती है। आमतौर नाखूनों का रंग हल्का गुलाबी होना चाहिए। इसके बजाय अगर वे सफेद, पीले, नीले या काले हैं या उनकी बनावट असामान्य है तो ये कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के मुताबिक, अगर नाखूनों पर काले धब्बे या स्ट्राइप्स हों तो ये मेलेनोमा (स्किन कैंसर) का संभावित संकेत हो सकता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अगर नाखूनों की सतह पर छोटे-छोटे डेंट दिखते हैं तो ये सोरायसिस (स्किन डिजीज) का संकेत हो सकता है। इसलिए आज सेहतनामा में बात करेंगे कि नाखून कैसे हमारी सेहत का हाल बताते हैं। साथ ही जानेंगे कि- नाखून हमें किसी गंभीर स्थिति से पहले करते अलर्ट नाखूनों के रंग और उनकी बनावट शरीर में पोषक तत्वों की कमी, लिवर में प्रॉब्लम और हार्ट से जुड़ी बीमारियों समेत कई महत्वपूर्ण संकेत देती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल डर्मेटोलॉजी के मुताबिक, नाखूनों पर सफेद धब्बे लिवर प्रॉब्लम्स या किडनी फेल्योर का संकेत हो सकते हैं। वहीं ऑनलाइन डेटाबेस ‘साइंस डायरेक्ट’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, नाखून चबाना एक ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) है, जो एक मेंटल हेल्थ कंडीशन है। नाखूनों का रंग देता बीमारियों का संकेत नाखूनों का बहुत हल्का या सफेद होना आयरन की कमी (एनीमिया), लिवर और हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है। वहीं पीले नाखून अक्सर फंगल इन्फेक्शन और डायबिटीज का संकेत देते हैं। नाखूनों का नीला रंग ब्लड में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है, जो हार्ट या लंग्स की समस्या को दर्शाता है। इसके अलावा अगर नाखूनों का रंग अचानक बदल जाता है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। नाखूनों के रंग और इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के संकेतों के बारे में नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- असामान्य नाखून भी अच्छी सेहत का संकेत नहीं नाखूनों की बनावट में बदलाव भी कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत है। बनावट में किसी भी प्रकार का बदलाव शरीर के भीतर हो रहे परिवर्तनों को दर्शाता है। अगर नाखून अधिक पतले हो गए हैं और आसानी से टूटने लगे हैं तो यह विटामिन्स और मिनरल्स की कमी का संकेत हो सकता है। अगर नाखूनों के किनारे ऊपर की ओर उठने लगे हैं तो यह हार्ट, लंग्स, लिवर समेत कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। नाखूनों का अंदर की ओर मुड़ना या चम्मच जैसे शेप का होना आयरन की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा नाखूनों के कुछ अन्य बदलाव भी बीमारियों का संकेत देते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- नाखूनों में बदलाव के साथ अन्य संकेतों को भी करें नोटिस अगर नाखूनों के रंग या उनकी बनावट में कोई बदलाव लंबे समय तक दिखे तो यह शरीर में हो रहे किसी आंतरिक असंतुलन का संकेत है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर नाखूनों के रंग व बनावट में परिवर्तन के साथ-साथ शरीर में कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जैसेकि- नाखूनों से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल- नाखून का कौन सा रंग बेहतर स्वास्थ्य का संकेत देता है? जवाब- गुरुग्राम स्थित मेदांता हॉस्पिटल में सीनियर डायरेक्टर डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि हेल्दी नाखूनों का रंग हल्का गुलाबी होता है। इसका मतलब है कि ब्लड सर्कुलेशन सही है और शरीर स्वस्थ है। सवाल- नाखून क्यों टूटते हैं? जवाब- नाखूनों के टूटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे पोषक तत्वों की कमी, असंतुलित हॉर्मोन, ज्यादा नमी या केमिकल के संपर्क में आना। सवाल- क्या नाखून के रंग और उनकी बनावट में बदलाव हमेशा बीमारी का संकेत होता है? जवाब- डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि नहीं, नाखूनों के रंग या बनावट में बदलाव हमेशा ही बीमारियों का संकेत नहीं होता है। लेकिन ये कभी-कभी बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर लंबे समय तक नाखूनों में कोई परिवर्तन दिखे तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सवाल- अगर नाखून बार-बार टूट रहे हैं तो क्या करें? जवाब- इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें। उसके अनुसार ही कोई ट्रीटमेंट करें। इसके साथ ही नाखूनों को अधिक केमिकल प्रोडक्ट्स जैसे डिटर्जेंट या नेल पॉलिश से बचाएं। इससे नाखून कमजोर हो सकते हैं और टूटने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा पानी की कमी से भी नाखूनों की सेहत प्रभावित हो सकती है। पर्याप्त पानी पीने से नाखूनों को अंदर से नमी मिलती है, जो उन्हें टूटने से बचाती है। सवाल- नाखूनों की अच्छी देखभाल के लिए क्या करना चाहिए? जवाब- इसके लिए नाखूनों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज करें। उन्हें समय-समय पर काटते रहें, जिससे उनकी बनावट सही बनी रहे। इसके साथ ही हेल्दी डाइट लें और केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें। हाइजीन का ध्यान रखें, ताकि उनमें किसी भी तरह का इन्फेक्शन न होने पाए। सवाल- क्या खराब नाखून को ठीक किया जा सकता है? जवाब- डॉ. सुशीला कटारिया बताती हैं कि अगर नाखूनों में खराबी पोषक तत्वों की कमी, हॉर्मोनल असंतुलन या किसी बीमारी के कारण है तो उस समस्या का इलाज करने से उनमें सुधार हो सकता है। इसके अलावा कुछ दवाओं के जरिए भी इसे ठीक किया जा सकता है। ………………… सेहतनामा की ये खबर भी पढ़िए सेहतनामा- सिर से पांव तक शरीर करता इशारे: डॉक्टर से जानिए मोटी गर्दन, लाल-काले मस्से, बढ़ती तोंद किस बीमारी के संकेत हमारे शरीर का विज्ञान बहुत उन्नत है। कोई भी समस्या होने पर हमें तुरंत खबर करता है। यह सिर्फ जुकाम, खांसी और बुखार तक सीमित नहीं है। लिवर डैमेज और किडनी फेल्योर जैसी गंभीर हेल्थ कंडीशन से पहले भी संकेत देता है। पूरी खबर पढ़िए...