पंजाब विधानसभा में केंद्र की पॉलिसी के खिलाफ प्रस्ताव पास:कहा- इससे 3 रद्द कृषि कानून वापस लाने की कोशिश, MSP का जिक्र नहीं
पंजाब विधानसभा में केंद्र की पॉलिसी के खिलाफ प्रस्ताव पास:कहा- इससे 3 रद्द कृषि कानून वापस लाने की कोशिश, MSP का जिक्र नहीं
पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के आखिरी दिन कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राष्ट्रीय कृषि मार्केटिंग नीति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। इसमें उन्होंने कहा कि इस नीति के साथ राज्य की शक्तियों पर केंद्र काबिज होने की कोशिश कर रहा है। इसमें कहीं भी MSP का जिक्र नहीं किया गया। किसान भी इसके विरोध में हैं। वहीं, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि किसान इस नीति के खिलाफ हैं। किसानों का मानना है कि राज्यों की मंडियों पर इसका नेगेटिव असर होगा। किसानों को महसूस होता है कि इस नीति से उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा। इससे एपीएमसी मंडियां तबाह हो जाएंगी। यह सरकारी मंडियों को खत्म करने का प्रयास है। किसानों के लंबे विरोध के बाद 2021 में रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा वापस लाने की कोशिश है। इसलिए, यह ड्राफ्ट रद्द किया जाना जरूरी है। अंत में CM भगवंत मान ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हम इस नीति का विरोध करते हैं। इसी के साथ केंद्रीय कृषि मार्केटिंग बिल के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसी के साथ सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। CM बोले- पंजाब की ओर नफरत से देख रहा केंद्र
प्रस्ताव पर CM मान ने कहा कि इस बिल में कुछ बदला नहीं जा रहा, सिर्फ 3 काले कानूनों को वापस लाया जा रहा है। किसान आंदोलन में 800 की मौत हो चुकी है। उनकी तपस्या अभी जारी है। अभी पता नहीं, उनकी तपस्या में और कितनी जानें जाएंगी। उन्होंने कहा कि थोड़ी डिटेल में जाएं तो केंद्र सरकार पता नहीं क्यों, पंजाब को नफरत की भावना से देख रही है। शायद उन्हें यह है कि पंजाब उन्हें जिताता नहीं, शायद उन्हें पता है वे यहां जीतेंगे नहीं। इसलिए, सिर्फ परेशान कर रहे हैं। सिर्फ खेती ही नहीं, RDF के पैसे में भी परेशान किया जा रहा है। CM ने कहा कि पंजाब को बदनाम करने का केंद्र कोई बहाना नहीं छोड़ता। अमेरिका से 3 जहाज आए, और तीनों ही अमृतसर उतारे गए। पहला एयरपोर्ट देखें तो अहमदाबाद एयरपोर्ट था, लेकिन अमृतसर भेजा गया, ताकि पंजाब हेडलाइंस में आए। इनमें 14 बच्चे आए, जो गुजरात के थे, जिनकी उम्र 18 साल से कम थी। मान ने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका में गले मिल रहे थे, वहीं दूसरी तरफ भारतीयों को बेड़ियां लगाकर लाया जा रहा था। यह सिलसिला पंजाब को नीचा दिखाने का, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाजवा बोले- मैंने पहले ही PM मोदी को चेतावनी दी थी
इस दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब कृषि कानून आए थे, तब उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी दी थी कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं, और उनके लिए मौत का वारंट साबित होंगे। बाजवा ने कहा कि किसानों ने इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोला, जिसमें 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई। इसके बाद सरकार को कानून वापस लेने पड़े। उन्होंने भाजपा को पंजाब विरोधी (एंटी-पंजाब) बताया और कहा कि भाजपा राजनीतिक और आर्थिक रूप से पंजाब को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के 8,000 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। बाजवा ने कहा कि अगर पंजाब सरकार सच में पंजाब के हक की लड़ाई लड़ना चाहती है, तो तगड़े वकील खड़े करे और मोदी के घर के बाहर धरना दे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर ऐसा किया जाता है, तो वह भी सरकार का समर्थन करेंगे। बाजवा ने कहा कि भले ही सदन में वह सरकार से लड़ते हैं, लेकिन पंजाब की भलाई के लिए सभी दलों को एकजुट होना होगा, ताकि पंजाब के हक की रक्षा की जा सके। क्या है राष्ट्रीय कृषि मार्केटिंग पॉलिसी
राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति भारत में कृषि मार्केटिंग को सुधारने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए तैयार किया गया एक व्यापक नीति ढांचा है। इस नीति का उद्देश्य कृषि बाजारों को आधुनिक बनाना, किसानों की बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करना और बिचौलियों की भूमिका को कम करना है। इसके तहत एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) को बढ़ावा दिया गया है, जिससे किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उपज को विभिन्न राज्यों में बेच सकें। यह नीति निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कृषि लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर देती है, ताकि फसलों की बर्बादी को कम किया जा सके। इसके अलावा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए इसमें आवश्यक सुधार किए गए हैं। किसानों के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPOs) को भी बढ़ावा दिया गया है, ताकि वे संगठित होकर बाजार में बेहतर सौदे कर सकें। राज्यों को मॉडल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग कानून अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसका विरोध हो रहा है। भगत सिंह की फोटो पर कांग्रेस AAP के साथ
इससे पहले प्रश्न-उत्तर काल के खत्म होते ही जीरो आवर में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने करप्शन का मुद्दा उठाया। इसके बाद सदन में गहमागहमी हुई। मामले के शांत होते ही मंत्री हरपाल चीमा ने दिल्ली में भाजपा की सरकार के आते ही डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर उतारने का मुद्दा उठाया। मंत्री चीमा के मुद्दा उठाने पर कांग्रेस विधायक विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इसमें AAP का समर्थन किया। इसके साथ ही बाजवा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर इस हाउस से केंद्र को भेजने पर विचार किया जाना चाहिए। विधायक ने आवारा कुत्तों का मुद्दा उठाया, मंत्री बोले- पॉलिसी ला रहे
डॉ. नरिंदर कौर भराज ने आवारा कुत्तों का मुद्दा भी सदन में उठाया। इसका जवाब देते हुए मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने आवारा कुत्तों की संख्या को रोकने के लिए चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में पंजाब सरकार खतरनाक ब्रीड के पालतू कुत्तों के लिए भी पॉलिसी लेकर
पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के आखिरी दिन कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राष्ट्रीय कृषि मार्केटिंग नीति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। इसमें उन्होंने कहा कि इस नीति के साथ राज्य की शक्तियों पर केंद्र काबिज होने की कोशिश कर रहा है। इसमें कहीं भी MSP का जिक्र नहीं किया गया। किसान भी इसके विरोध में हैं। वहीं, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि किसान इस नीति के खिलाफ हैं। किसानों का मानना है कि राज्यों की मंडियों पर इसका नेगेटिव असर होगा। किसानों को महसूस होता है कि इस नीति से उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा। इससे एपीएमसी मंडियां तबाह हो जाएंगी। यह सरकारी मंडियों को खत्म करने का प्रयास है। किसानों के लंबे विरोध के बाद 2021 में रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा वापस लाने की कोशिश है। इसलिए, यह ड्राफ्ट रद्द किया जाना जरूरी है। अंत में CM भगवंत मान ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हम इस नीति का विरोध करते हैं। इसी के साथ केंद्रीय कृषि मार्केटिंग बिल के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया गया। इसी के साथ सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। CM बोले- पंजाब की ओर नफरत से देख रहा केंद्र
प्रस्ताव पर CM मान ने कहा कि इस बिल में कुछ बदला नहीं जा रहा, सिर्फ 3 काले कानूनों को वापस लाया जा रहा है। किसान आंदोलन में 800 की मौत हो चुकी है। उनकी तपस्या अभी जारी है। अभी पता नहीं, उनकी तपस्या में और कितनी जानें जाएंगी। उन्होंने कहा कि थोड़ी डिटेल में जाएं तो केंद्र सरकार पता नहीं क्यों, पंजाब को नफरत की भावना से देख रही है। शायद उन्हें यह है कि पंजाब उन्हें जिताता नहीं, शायद उन्हें पता है वे यहां जीतेंगे नहीं। इसलिए, सिर्फ परेशान कर रहे हैं। सिर्फ खेती ही नहीं, RDF के पैसे में भी परेशान किया जा रहा है। CM ने कहा कि पंजाब को बदनाम करने का केंद्र कोई बहाना नहीं छोड़ता। अमेरिका से 3 जहाज आए, और तीनों ही अमृतसर उतारे गए। पहला एयरपोर्ट देखें तो अहमदाबाद एयरपोर्ट था, लेकिन अमृतसर भेजा गया, ताकि पंजाब हेडलाइंस में आए। इनमें 14 बच्चे आए, जो गुजरात के थे, जिनकी उम्र 18 साल से कम थी। मान ने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका में गले मिल रहे थे, वहीं दूसरी तरफ भारतीयों को बेड़ियां लगाकर लाया जा रहा था। यह सिलसिला पंजाब को नीचा दिखाने का, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाजवा बोले- मैंने पहले ही PM मोदी को चेतावनी दी थी
इस दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब कृषि कानून आए थे, तब उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी दी थी कि ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं, और उनके लिए मौत का वारंट साबित होंगे। बाजवा ने कहा कि किसानों ने इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोला, जिसमें 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई। इसके बाद सरकार को कानून वापस लेने पड़े। उन्होंने भाजपा को पंजाब विरोधी (एंटी-पंजाब) बताया और कहा कि भाजपा राजनीतिक और आर्थिक रूप से पंजाब को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के 8,000 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। बाजवा ने कहा कि अगर पंजाब सरकार सच में पंजाब के हक की लड़ाई लड़ना चाहती है, तो तगड़े वकील खड़े करे और मोदी के घर के बाहर धरना दे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर ऐसा किया जाता है, तो वह भी सरकार का समर्थन करेंगे। बाजवा ने कहा कि भले ही सदन में वह सरकार से लड़ते हैं, लेकिन पंजाब की भलाई के लिए सभी दलों को एकजुट होना होगा, ताकि पंजाब के हक की रक्षा की जा सके। क्या है राष्ट्रीय कृषि मार्केटिंग पॉलिसी
राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति भारत में कृषि मार्केटिंग को सुधारने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए तैयार किया गया एक व्यापक नीति ढांचा है। इस नीति का उद्देश्य कृषि बाजारों को आधुनिक बनाना, किसानों की बाजार तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करना और बिचौलियों की भूमिका को कम करना है। इसके तहत एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) को बढ़ावा दिया गया है, जिससे किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उपज को विभिन्न राज्यों में बेच सकें। यह नीति निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कृषि लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को मजबूत करने पर जोर देती है, ताकि फसलों की बर्बादी को कम किया जा सके। इसके अलावा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए इसमें आवश्यक सुधार किए गए हैं। किसानों के लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPOs) को भी बढ़ावा दिया गया है, ताकि वे संगठित होकर बाजार में बेहतर सौदे कर सकें। राज्यों को मॉडल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग कानून अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसका विरोध हो रहा है। भगत सिंह की फोटो पर कांग्रेस AAP के साथ
इससे पहले प्रश्न-उत्तर काल के खत्म होते ही जीरो आवर में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने करप्शन का मुद्दा उठाया। इसके बाद सदन में गहमागहमी हुई। मामले के शांत होते ही मंत्री हरपाल चीमा ने दिल्ली में भाजपा की सरकार के आते ही डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर उतारने का मुद्दा उठाया। मंत्री चीमा के मुद्दा उठाने पर कांग्रेस विधायक विपक्ष नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इसमें AAP का समर्थन किया। इसके साथ ही बाजवा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर इस हाउस से केंद्र को भेजने पर विचार किया जाना चाहिए। विधायक ने आवारा कुत्तों का मुद्दा उठाया, मंत्री बोले- पॉलिसी ला रहे
डॉ. नरिंदर कौर भराज ने आवारा कुत्तों का मुद्दा भी सदन में उठाया। इसका जवाब देते हुए मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने आवारा कुत्तों की संख्या को रोकने के लिए चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में पंजाब सरकार खतरनाक ब्रीड के पालतू कुत्तों के लिए भी पॉलिसी लेकर आ रही है। बाजवा ने मंत्री ईटीओ पर लगाए करप्शन के आरोप
जीरो आवर की शुरुआत में विपक्ष नेता बाजवा ने AAP पर आरोप लगाया कि पीएसपीसीएल की एक एसोसिएशन के अनुसार, अधिकारियों को पैसे इकट्ठे करने के आदेश दिए गए थे। इस पैसे का उपयोग दिल्ली चुनाव में होना था। इसके बाद बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ भड़क गए और कांग्रेस पर इल्जाम लगाने शुरू कर दिए। वहीं, विपक्ष के नेता ने पूर्व विजिलेंस चीफ की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। बाजवा ने कहा कि पूर्व विजिलेंस चीफ की एक रिपोर्ट के अनुसार 48 रेवेन्यू ऑफिशियल करप्शन को बढ़ावा दे रहे हैं और करप्ट हैं। एक रिटायर्ड रेवेन्यू ऑफिसर ने भी आरोप लगाया कि तहसील दफ्तरों में 1000 करोड़ हर महीने की रिश्वत चलती है। इन सभी मामलों की विजिलेंस जांच होनी चाहिए। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने ये बात सुनते ही कहा- बाजवा साहिब, ये आंकड़ा कहां से लेकर आए हैं? इसके बाद AAP के मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस शुरू हो गई। अंत में AAP पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि मामला ध्यान में आया था। पैसा किस पार्टी के लिए इकट्ठा करने के लिए कहा गया, यह अभी तक साफ नहीं है। ऐसे में किसी एक पर इल्जाम लगाना सही नहीं है। उन्होंने इस दौरान मंत्री हरभजन ईटीओ की तरफ से करप्शन के खिलाफ की गई कार्रवाई का हवाला भी दिया।