जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने किया यूक्रेन का समर्थन:यूरोपीय देशों में नाराजगी, पुराने साथी अमेरिका ने दिया रूस का साथ
जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस ने किया यूक्रेन का समर्थन:यूरोपीय देशों में नाराजगी, पुराने साथी अमेरिका ने दिया रूस का साथ
अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा में यूक्रेनी प्रस्ताव के खिलाफ रूस के समर्थन में वोटिंग की। यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध को 3 साल पूरे होने पर UN में एक प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी। अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट साथी यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विपक्ष में मतदान किया। जबसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई, तब से पहली बार अमेरिका और इजराइल ने यूक्रेन के खिलाफ वोट किया है। जबकि भारत और चीन समेत 65 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 93 मतों से पारित हो गया। यूक्रेनी प्रस्ताव में तीन प्रमुख मांगें अमेरिकी प्रस्ताव में रूस का जिक्र तक नहीं
अमेरिका ने भी UN में 3 पैराग्राफ का प्रस्ताव पेश किया। इसमें न तो रूसी हमले का जिक्र था और न ही किसी तरह की निंदा की। इसमें बस दोनों देशों में हुए जानमाल के नुकसान पर शोक जाहिर किया गया। अमेरिका ने कहा कि वो लड़ाई को जल्द खत्म करके यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति की अपील करता है। अमेरिकी डिप्लोमैट डोरोथी कैमिली शिया ने कहा- इस तरह के प्रस्ताव युद्ध को रोकने में नाकाम रहे हैं। यह युद्ध अब बहुत लंबा खिंच चुका है। यूक्रेन और रूस के साथ-साथ दूसरी जगहों पर भी लोगों को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। यूरोपियन डिप्लोमैट्स ने कहा कि वो इस बात से नाराज हैं कि उनके पुराने सहयोगी ने उनके खिलाफ वोट दिया है। ट्रम्प और जेलेंस्की में जुबानी जंग
यह सारा मामला ऐसे वक्त पर हो रहा है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट में जेलेंस्की को एक मामूली कॉमेडियन और बिना चुनाव वाला एक तानाशाह बताया था। इससे पहले जेलेंस्की ने कहा कि ट्रम्प गलत जानकारी के साथ, गलतफहमी में जी रहे हैं। जेलेंस्की का ये बयान ट्रम्प के एक आरोप के जवाब में आया था। दरअसल ट्रम्प ने कहा था कि यूक्रेन में जेलेंस्की की अप्रूवल रेटिंग गिरकर सिर्फ 4% रह गई है। अमेरिका ने यूक्रेन से अपना पैसा वापस मांगा ट्रम्प ने यूक्रेन को युद्ध के लिए दिया गया पैसा वापस मांगा है। ट्रम्प ने शनिवार को कहा, ‘मैं सिर्फ पैसा या उसके बदले कुछ सिक्योरिटी पाने की कोशिश कर रहा हूं।' उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारी पैसों की मदद के बदलें वे लोग हमें कुछ दें। हम रेअर अर्थ मिनरल और तेल मांग रहे हैं। इसमें से जो भी वे हमें दे सकें। इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा हम अमेरिका से मिले 500 अरब डॉलर को कर्ज नहीं मानते हैं। बाइडेन और मैं इस बात पर सहमत हुए थे कि उन्होंने हमें मदद दी थी। मदद को कर्ज नहीं कहते। ------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... यूक्रेन में जेलेंस्की राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार:रूस को कैदियों की अदला-बदली का प्रस्ताव दिया रूस-यूक्रेन जंग के तीन साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वे शांति की खातिर कुछ भी करने को तैयार हैं। अगर इस्तीफा देने से शांति आती है या यूक्रेन को NATO की सदस्यता मिलती है, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...
अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा में यूक्रेनी प्रस्ताव के खिलाफ रूस के समर्थन में वोटिंग की। यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध को 3 साल पूरे होने पर UN में एक प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी। अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट साथी यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विपक्ष में मतदान किया। जबसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई, तब से पहली बार अमेरिका और इजराइल ने यूक्रेन के खिलाफ वोट किया है। जबकि भारत और चीन समेत 65 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 93 मतों से पारित हो गया। यूक्रेनी प्रस्ताव में तीन प्रमुख मांगें अमेरिकी प्रस्ताव में रूस का जिक्र तक नहीं
अमेरिका ने भी UN में 3 पैराग्राफ का प्रस्ताव पेश किया। इसमें न तो रूसी हमले का जिक्र था और न ही किसी तरह की निंदा की। इसमें बस दोनों देशों में हुए जानमाल के नुकसान पर शोक जाहिर किया गया। अमेरिका ने कहा कि वो लड़ाई को जल्द खत्म करके यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति की अपील करता है। अमेरिकी डिप्लोमैट डोरोथी कैमिली शिया ने कहा- इस तरह के प्रस्ताव युद्ध को रोकने में नाकाम रहे हैं। यह युद्ध अब बहुत लंबा खिंच चुका है। यूक्रेन और रूस के साथ-साथ दूसरी जगहों पर भी लोगों को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। यूरोपियन डिप्लोमैट्स ने कहा कि वो इस बात से नाराज हैं कि उनके पुराने सहयोगी ने उनके खिलाफ वोट दिया है। ट्रम्प और जेलेंस्की में जुबानी जंग
यह सारा मामला ऐसे वक्त पर हो रहा है जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट में जेलेंस्की को एक मामूली कॉमेडियन और बिना चुनाव वाला एक तानाशाह बताया था। इससे पहले जेलेंस्की ने कहा कि ट्रम्प गलत जानकारी के साथ, गलतफहमी में जी रहे हैं। जेलेंस्की का ये बयान ट्रम्प के एक आरोप के जवाब में आया था। दरअसल ट्रम्प ने कहा था कि यूक्रेन में जेलेंस्की की अप्रूवल रेटिंग गिरकर सिर्फ 4% रह गई है। अमेरिका ने यूक्रेन से अपना पैसा वापस मांगा ट्रम्प ने यूक्रेन को युद्ध के लिए दिया गया पैसा वापस मांगा है। ट्रम्प ने शनिवार को कहा, ‘मैं सिर्फ पैसा या उसके बदले कुछ सिक्योरिटी पाने की कोशिश कर रहा हूं।' उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारी पैसों की मदद के बदलें वे लोग हमें कुछ दें। हम रेअर अर्थ मिनरल और तेल मांग रहे हैं। इसमें से जो भी वे हमें दे सकें। इसके जवाब में जेलेंस्की ने कहा हम अमेरिका से मिले 500 अरब डॉलर को कर्ज नहीं मानते हैं। बाइडेन और मैं इस बात पर सहमत हुए थे कि उन्होंने हमें मदद दी थी। मदद को कर्ज नहीं कहते। ------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... यूक्रेन में जेलेंस्की राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार:रूस को कैदियों की अदला-बदली का प्रस्ताव दिया रूस-यूक्रेन जंग के तीन साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वे शांति की खातिर कुछ भी करने को तैयार हैं। अगर इस्तीफा देने से शांति आती है या यूक्रेन को NATO की सदस्यता मिलती है, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर...