काशी में 10 हजार नागा गदा-तलवार लहराते निकले:बाबा विश्वनाथ का दूल्हे जैसा श्रृंगार, 2 लाख दर्शनार्थियों की 3km लंबी कतार
काशी में 10 हजार नागा गदा-तलवार लहराते निकले:बाबा विश्वनाथ का दूल्हे जैसा श्रृंगार, 2 लाख दर्शनार्थियों की 3km लंबी कतार
हाथ में गदा-त्रिशूल। हाथी-घोड़े की सवारी। शरीर पर भस्म और फूलों की माला। हर-हर महादेव का उद्घोष। काशी में कुछ इस अंदाज में 7 शैव अखाड़ों के करीब 10 हजार से ज्यादा नागा साधु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। नागा साधुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते की बैरिकेडिंग की गई है। लाखों की संख्या में भक्त नागा संतों का आशीर्वाद लेने के लिए रात से ही सड़क किनारे खड़े हुए हैं। सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी मंदिर पहुंचे। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भी उनके साथ रहे। नागा साधुओं की पेशवाई में गाड़ियां, ढोल-नगाड़े और अस्त्र-शस्त्र के साथ करतब दिखाते हुए साधु शामिल रहे। आधी रात से ही करीब 2 लाख भक्त 3km लंबी कतार में लगे हैं। सुबह से अब तक 2.37 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। उनका दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया। मंगला आरती के दौरान प्रवेश रोकने पर श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। श्रद्धालुओं को समझाकर शांत कराया गया। इसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। काशी में शिवरात्रि की 5 तस्वीरें... महाकुंभ पर महाशिवरात्रि का संयोग 6 साल बाद महाकुंभ पर महाशिवरात्रि का यह संयोग 6 साल बाद बना है। इससे पहले, 2019 के कुंभ में ऐसा संयोग बना था, तब 15 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे थे। कुंभ के बाद महाशिवरात्रि की खास बात यह रहती है कि शैव अखाड़े के नागा साधु भी बाबा का दर्शन करने आते हैं। 8 मार्च 2024, यानी पिछले साल शिवरात्रि पर 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। आज 25 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर काशी कैसे आएं-कहां ठहरें? महाशिवरात्रि आयोजन के तमाम अपडेट्स के लिए नीचे दिए लाइव ब्लॉग से जुड़े रहिए...
हाथ में गदा-त्रिशूल। हाथी-घोड़े की सवारी। शरीर पर भस्म और फूलों की माला। हर-हर महादेव का उद्घोष। काशी में कुछ इस अंदाज में 7 शैव अखाड़ों के करीब 10 हजार से ज्यादा नागा साधु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। नागा साधुओं के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते की बैरिकेडिंग की गई है। लाखों की संख्या में भक्त नागा संतों का आशीर्वाद लेने के लिए रात से ही सड़क किनारे खड़े हुए हैं। सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी मंदिर पहुंचे। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भी उनके साथ रहे। नागा साधुओं की पेशवाई में गाड़ियां, ढोल-नगाड़े और अस्त्र-शस्त्र के साथ करतब दिखाते हुए साधु शामिल रहे। आधी रात से ही करीब 2 लाख भक्त 3km लंबी कतार में लगे हैं। सुबह से अब तक 2.37 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। तड़के 2:15 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई। उनका दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया। मंगला आरती के दौरान प्रवेश रोकने पर श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। उनकी पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। श्रद्धालुओं को समझाकर शांत कराया गया। इसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। काशी में शिवरात्रि की 5 तस्वीरें... महाकुंभ पर महाशिवरात्रि का संयोग 6 साल बाद महाकुंभ पर महाशिवरात्रि का यह संयोग 6 साल बाद बना है। इससे पहले, 2019 के कुंभ में ऐसा संयोग बना था, तब 15 लाख श्रद्धालु काशी पहुंचे थे। कुंभ के बाद महाशिवरात्रि की खास बात यह रहती है कि शैव अखाड़े के नागा साधु भी बाबा का दर्शन करने आते हैं। 8 मार्च 2024, यानी पिछले साल शिवरात्रि पर 11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। आज 25 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है। यह भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर काशी कैसे आएं-कहां ठहरें? महाशिवरात्रि आयोजन के तमाम अपडेट्स के लिए नीचे दिए लाइव ब्लॉग से जुड़े रहिए...