उपराष्ट्रपति का केंद्र सरकार से सवाल:कृषि मंत्री शिवराज से पूछा- किसानों से किए वादे क्यों नहीं निभाए, हम कुछ नहीं कर रहे

किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सीधे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल किए। उन्होंने शिवराज की ओर इशारा करते हुए कहा, कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था? और जो वादा किया गया ​​था, वह क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? बीते साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है। हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (CIRCOT) के शताब्दी समारोह के में ये बातें कहीं। कार्यक्रम में शिवराज भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने उपराष्ट्रपति के सवालों का जवाब नहीं दिया। शिवराज ने कहा- भारत अपने किसानों के बिना समृद्ध देश नहीं बन सकता। उपराष्ट्रपति बोले- हिंदुस्तान का किसान असहाय है... 4 पॉइंट जिस समय धनखड़ का कृषि मंत्री से सवाल, उसी समय नोएडा में किसानों का धरना मंगलवार को जिस समय धनखड़ कृषि मंत्री से सवाल कर रहे थे, उसी समय नोएडा के ‘दलित प्रेरणा स्थल’ पर किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। यह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हो रहा था। यहां 163 से अधिक किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रेरणा स्थल भी खाली करा लिया गया। पूरी खबर पढ़ें... किसानों की 4 मांगें 10 किसान संगठनों का आंदोलन, 1 हफ्ते बाद दिल्ली मार्च कर सकते हैं आंदोलन में 10 संगठन शामिल हैं। ये संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत, भाकियू महात्मा टिकैत, भाकियू अजगर, भाकियू कृषक शक्ति, भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान एकता परिषद, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, जवान जय किसान मोर्चा, सिस्टम सुधार संगठन आगरा हैं। आंदोलन की अगुआई भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा और भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पवन खटना कर रहे हैं। 4 साल पुराना है किसानों और सरकार के बीच का विवाद... 17 सितंबर 2020 को केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े तीन कृषि बिल लोकसभा में पास कराए। किसानों को इन बिल में किए गए प्रावधानों से आपत्ति थी। इसके खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया। किसान दिल्ली से सटे सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डट गए। वहां पक्के घर बना लिए। इससे पहले सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई थी। सरकार ने हर बार कहा था कि वो कानूनों में बदलाव तो कर सकती है, लेकिन वापस हरगिज नहीं। करीब 14 महीने बाद यानी 19 नवंबर 2021, सुबह 9:15 बजे PM मोदी ने नेशनल टीवी पर किसानों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया। यह पहली बार था जब मोदी ने कोई फैसला वापस लिया था। --------------------------------------- किसानों के आंदोलन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... UP के किसानों का दिल्ली कूच, 2 दिन पहले नोएडा एक्सप्रेसवे जाम किया था किसानों ने 2 दिन पहले नोएडा एक्सप्रेसवे जाम कर दिया था। इसमें किसान नेताओं की ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक हुई। जिसके बाद फैसला लिया गया कि यूपी के किसान दिल्ली कूच एक हफ्ते तक नहीं करेंगे। पूरी खबर पढ़ें...

उपराष्ट्रपति का केंद्र सरकार से सवाल:कृषि मंत्री शिवराज से पूछा- किसानों से किए वादे क्यों नहीं निभाए, हम कुछ नहीं कर रहे
किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सीधे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल किए। उन्होंने शिवराज की ओर इशारा करते हुए कहा, कृषि मंत्री जी, आपका एक-एक पल भारी है। मेरा आपसे आग्रह है और भारत के संविधान के तहत दूसरे पद पर विराजमान व्यक्ति आपसे अनुरोध कर रहा है कि कृपया करके मुझे बताइए कि किसान से क्या वादा किया गया था? और जो वादा किया गया ​​था, वह क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? बीते साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है। हम कुछ नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने मुंबई में केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (CIRCOT) के शताब्दी समारोह के में ये बातें कहीं। कार्यक्रम में शिवराज भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने उपराष्ट्रपति के सवालों का जवाब नहीं दिया। शिवराज ने कहा- भारत अपने किसानों के बिना समृद्ध देश नहीं बन सकता। उपराष्ट्रपति बोले- हिंदुस्तान का किसान असहाय है... 4 पॉइंट जिस समय धनखड़ का कृषि मंत्री से सवाल, उसी समय नोएडा में किसानों का धरना मंगलवार को जिस समय धनखड़ कृषि मंत्री से सवाल कर रहे थे, उसी समय नोएडा के ‘दलित प्रेरणा स्थल’ पर किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे थे। यह संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हो रहा था। यहां 163 से अधिक किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रेरणा स्थल भी खाली करा लिया गया। पूरी खबर पढ़ें... किसानों की 4 मांगें 10 किसान संगठनों का आंदोलन, 1 हफ्ते बाद दिल्ली मार्च कर सकते हैं आंदोलन में 10 संगठन शामिल हैं। ये संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत, भाकियू महात्मा टिकैत, भाकियू अजगर, भाकियू कृषक शक्ति, भारतीय किसान परिषद, अखिल भारतीय किसान सभा, किसान एकता परिषद, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, जवान जय किसान मोर्चा, सिस्टम सुधार संगठन आगरा हैं। आंदोलन की अगुआई भारतीय किसान परिषद के सुखबीर खलीफा और भारतीय किसान यूनियन टिकैत के पवन खटना कर रहे हैं। 4 साल पुराना है किसानों और सरकार के बीच का विवाद... 17 सितंबर 2020 को केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े तीन कृषि बिल लोकसभा में पास कराए। किसानों को इन बिल में किए गए प्रावधानों से आपत्ति थी। इसके खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया। किसान दिल्ली से सटे सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डट गए। वहां पक्के घर बना लिए। इससे पहले सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई थी। सरकार ने हर बार कहा था कि वो कानूनों में बदलाव तो कर सकती है, लेकिन वापस हरगिज नहीं। करीब 14 महीने बाद यानी 19 नवंबर 2021, सुबह 9:15 बजे PM मोदी ने नेशनल टीवी पर किसानों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया। यह पहली बार था जब मोदी ने कोई फैसला वापस लिया था। --------------------------------------- किसानों के आंदोलन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... UP के किसानों का दिल्ली कूच, 2 दिन पहले नोएडा एक्सप्रेसवे जाम किया था किसानों ने 2 दिन पहले नोएडा एक्सप्रेसवे जाम कर दिया था। इसमें किसान नेताओं की ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक हुई। जिसके बाद फैसला लिया गया कि यूपी के किसान दिल्ली कूच एक हफ्ते तक नहीं करेंगे। पूरी खबर पढ़ें...