आज भी है अगहन मास की अमावस्या:15 दिसंबर को पूर्णिमा पर खत्म होगा ये महीना, मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष में एकादशी पर मनाते हैं गीता जयंती
आज भी है अगहन मास की अमावस्या:15 दिसंबर को पूर्णिमा पर खत्म होगा ये महीना, मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष में एकादशी पर मनाते हैं गीता जयंती
आज (1 दिसंबर) सुबह करीब 11 बजे तक अगहन मास की अमावस्या है। इसके बाद अगहन शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है। इसके अलावा पितरों के लिए धूप-ध्यान भी खासतौर पर किया जाता है। जिन लोगों ने कल यानी 30 नवंबर को पितरों के लिए धूप-ध्यान नहीं कर पाए हैं, वे आज दोपहर में धूप-ध्यान कर सकते हैं। मार्गशीर्ष मास श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास है, क्योंकि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इस महीने को अपना स्वरूप बताया है। इसी महीने में गीता जंयती भी मनाई जाती है। इसलिए अगहन मास में पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण की कथाएं पढ़नी-सुननी चाहिए, श्रीकृष्ण के पौराणिक मंदिरों में दर्शन-पूजन करना चाहिए और भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए। - ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा, उज्जैन दो दिन रहेगी अगहन मास की पूर्णिमा
आज (1 दिसंबर) सुबह करीब 11 बजे तक अगहन मास की अमावस्या है। इसके बाद अगहन शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है। इसके अलावा पितरों के लिए धूप-ध्यान भी खासतौर पर किया जाता है। जिन लोगों ने कल यानी 30 नवंबर को पितरों के लिए धूप-ध्यान नहीं कर पाए हैं, वे आज दोपहर में धूप-ध्यान कर सकते हैं। मार्गशीर्ष मास श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए बहुत खास है, क्योंकि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इस महीने को अपना स्वरूप बताया है। इसी महीने में गीता जंयती भी मनाई जाती है। इसलिए अगहन मास में पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण की कथाएं पढ़नी-सुननी चाहिए, श्रीकृष्ण के पौराणिक मंदिरों में दर्शन-पूजन करना चाहिए और भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए। - ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा, उज्जैन दो दिन रहेगी अगहन मास की पूर्णिमा