आज का एक्सप्लेनर:कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती कैसे हुई, दस्ताने उतारने से मिला सुराग: एक आरोपी चंडीगढ़ में रह रहा
आज का एक्सप्लेनर:कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती कैसे हुई, दस्ताने उतारने से मिला सुराग: एक आरोपी चंडीगढ़ में रह रहा
कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती हुई, जिसमें 24 कैरेट सोने की 6,600 ईंटें पार कर दी गईं। 21 महीने से कनाडा की पुलिस पूरी दुनिया की खाक छान रही है और इसमें शामिल एक आरोपी अपनी पत्नी के साथ आराम से चंडीगढ़ में रह रहा है। 21 फरवरी 2025 को 32 साल के सिमरन प्रीत पनेसर के घर पर ED ने छापा मारा है। आखिर कैसे हुई कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती, कहां गया 400 किलो सोना और भारत में रह रहे आरोपी सिमरनप्रीत का क्या रोल है; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में... सवाल-1: कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती कैसे हुई? जवाबः तारीख 17 अप्रैल 2023। कनाडा के समय के अनुसार दिन के 3 बजकर 56 मिनट पर स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर से आ रही एक फ्लाइट कनाडा के टोरंटो शहर के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लैंड हुई। इस फ्लाइट से शुद्ध सोने की 6,600 ईंटें और लगभग 2.5 मिलियन डॉलर (21 करोड़ रुपए से ज्यादा) की फॉरेन करेंसी लाई गई। सोने का कुल वजन करीब 400 किलो था, जिसकी कीमत 173 करोड़ रुपए थी। कैश को वेंकुवर के 'बुलियन एंड करेंसी एक्सचेंज' और सोने को टोरंटो के TD बैंक में जमा किया जाना था। सोने और कैश को एयरपोर्ट के कार्गो कंपाउंड में रखा गया। कनाडा पुलिस के मुताबिक, वारदात के दिन 5 बजकर 50 मिनट तक सोने वाला कंटेनर कार्गो फैसिलिटी में ही था। शाम 6 बजकर 23 मिनट पर एक 5 टन का बड़ा ट्रक फैसिलिटी के बाहर पार्क किया गया। इस ट्रक से एक फर्जी एयरवे बिल के साथ एक शख्स वेयरहाउस में दाखिल हुआ। सीसीटीवी में कैद हुए इस शख्स के हाथ में ये बिल देखा जा सकता है। ये बिल असल में सीफूड यानी समुद्री मछलियों की डिलीवरी के लिए था। जिन्हें एक दिन पहले ही कार्गो वेयरहाउस से ले जाया जा चुका था। कनाडा पुलिस के मुताबिक, असल में एयरपोर्ट के अंदर के एक आदमी ने प्रिंटर से पुराना बिल निकालकर इसे दूसरे बिल से बदल दिया था। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, शाम 7 बजकर 4 मिनट पर ट्रक का ड्राइवर वेयरहाउस में उस सोने वाले कार्गो के पास पहुंचा। 7 बजकर 27 मिनट पर कार्गो को उठाकर ट्रक में लोड किया गया और अगले 3 मिनट में ट्रक वेयरहाउस से चला गया। करीब साढ़े 9 बजे जब एक सिक्योरिटी कंपनी का असली ट्रक सोने वाला कार्गो लेने एयरपोर्ट पहुंचा, तो पता चला कि सोना तो पहले ही गायब हो चुका है। सुबह 2 बजकर 23 मिनट पर एयर कनाडा ने कनाडा पुलिस को फोन करके वारदात की सूचना दी। क्लेटेन कास्टलिनो टोरंटो में कस्टम्स क्लियरेंस बिजनेस के प्रेसिडेंट हैं। उन्होंने सीबीसी न्यूज से बातचीत में बताया कि कार्गो फैसिलिटी से कोई कार्गो ले जाने के लिए सिर्फ 2 चीजों की जरूरत होती है- कार्गो भेजने वाले की तरफ से एक लेटर और एक एयरवे बिल। इस बिल पर सही बिल नंबर होना चाहिए। चोरों के पास दोनों दस्तावेज थे। क्लेटेन के मुताबिक इनकी ठीक से जांच नहीं की गई। सवाल-2: डकैती की जांच में क्या सुराग हाथ लगे, कैसे पकड़ में आए आरोपी? जवाबः कनाडा में पुलिस महीनों सोना चोरी करने वाले ट्रक ड्राइवर की खोजबीन में जुटी रही। इधर 2 सितंबर 2023 को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में हाइवे पर एक निसान गाड़ी पकड़ी गई। गाड़ी से मोजों में भरी हुई कुछ बंदूकें मिलीं। इस गाड़ी को चलाने वाला एक कनाडियन नागरिक था। नाम था- डुरंटे किंग मैक्लीन। पेंसिल्वेनिया की पुलिस के मुताबिक, 23 अप्रैल 2023 को मैक्लीन ने हथियार खरीदकर कनाडा लाने के बारे में प्रसाद परमलिंगम नाम के एक आदमी से बात की थी। प्रसाद ने न्यूयॉर्क में मैक्लीन को पैसे दिए। मैक्लीन कई हफ्ते फ्लोरिडा के एक होटल में रुका, यहां उसने बंदूकें खरीदीं। इसके बाद उसे पेंसिल्वेनिया में गिरफ्तार कर लिया गया। इधर कनाडा की पुलिस को भी ट्रक ड्राइवर की गलती से एक अहम सुराग मिल गया था। वो एक गलती जिससे सोना चुराने वाला ट्रक ड्राइवर पकड़ा गया कनाडा पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रक के एयरपोर्ट से निकलने के बाद उसे कई जगह स्पॉट किया था। ट्रक की आखिरी फुटेज एक स्थानीय चर्च के सीसीटीवी कैमरे से मिली। इसके बाद ट्रक एक ग्रामीण इलाके में पहुंच गया, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। ड्राइवर ट्रक को कनाडा से अमेरिका ले गया और लंबे समय तक वहीं रहा। हालांकि ड्राइवर ने कनाडा एयरपोर्ट पर एक बड़ी गलती कर दी थी। जब वो सोने वाला कार्गो उठाने गया था तो उसने अपने दाएं हाथ का दस्ताना उतारा था। इससे उसके फिंगरप्रिंट्स उस फर्जी एयरवे बिल पर छूट गए। इन्हीं फिंगरप्रिंट्स के चलते ड्राइवर की पहचान हुई। ये ड्राइवर कोई और नहीं बल्कि डुरंटे किंग मैक्लीन था। वही मैक्लीन, जिसे पेंसिलवेनिया में पकड़ा गया था। कनाडा की पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच को ‘प्रोजेक्ट 24 कैरेट’ नाम दिया है। मैक्लीन के जरिए पुलिस को 8 अन्य संदिग्धों के बारे में पता चला। मूल रूप से साउथ एशियाई देशों के रहने वाले इन सभी लोगों ने मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया था। सवाल-3: डकैती का 400 किलो सोना और पैसे कहां गए? जवाबः जांच रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल से निकलने के बाद ट्रक कनाडा में करीब एक महीने तक इधर से उधर घूमता रहा। पुलिस को जांच में दो लिस्ट्स भी मिलीं, जिनके आधार पर पुलिस ने कहा कि पैसा आरोपियों ने आपस में बांट लिया और कुछ सोना पिघलाकर बेचा गया और उससे जो पैसे मिले उसका इस्तेमाल बंदूकें खरीदने में किया गया, जबकि सोने का बड़ा हिस्सा दुबई या फिर भारत भेजा गया है। ‘ऑन द ट्रेल ऑफ अफ्रीकन गोल्ड’ नाम की स्विट्जरलैंड की एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में अफ्रीका से 66% यानी करीब 405 टन सोना गैरकानूनी तरीके से दुबई में आया। 2023 में अलजजीरा ने भी अपनी एक इन्वेस्टिगेशन में कहा था कि स्मगलर्स अपना सोना दुबई में छिपाते हैं। इसके अलावा, सोना पिघलाने में इस्तेमाल किए गए बर्तन, ढलाई के काम आने वाले कुछ टूल्स और कुछ सांचे बरामद किए हैं। सीबीसी न्यूज ने अली राजा का इंटरव्यू किया। उसने खुद चोरी में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि इतना सोना उसकी रिफाइनरी में नही
कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती हुई, जिसमें 24 कैरेट सोने की 6,600 ईंटें पार कर दी गईं। 21 महीने से कनाडा की पुलिस पूरी दुनिया की खाक छान रही है और इसमें शामिल एक आरोपी अपनी पत्नी के साथ आराम से चंडीगढ़ में रह रहा है। 21 फरवरी 2025 को 32 साल के सिमरन प्रीत पनेसर के घर पर ED ने छापा मारा है। आखिर कैसे हुई कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती, कहां गया 400 किलो सोना और भारत में रह रहे आरोपी सिमरनप्रीत का क्या रोल है; जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में... सवाल-1: कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती कैसे हुई? जवाबः तारीख 17 अप्रैल 2023। कनाडा के समय के अनुसार दिन के 3 बजकर 56 मिनट पर स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर से आ रही एक फ्लाइट कनाडा के टोरंटो शहर के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लैंड हुई। इस फ्लाइट से शुद्ध सोने की 6,600 ईंटें और लगभग 2.5 मिलियन डॉलर (21 करोड़ रुपए से ज्यादा) की फॉरेन करेंसी लाई गई। सोने का कुल वजन करीब 400 किलो था, जिसकी कीमत 173 करोड़ रुपए थी। कैश को वेंकुवर के 'बुलियन एंड करेंसी एक्सचेंज' और सोने को टोरंटो के TD बैंक में जमा किया जाना था। सोने और कैश को एयरपोर्ट के कार्गो कंपाउंड में रखा गया। कनाडा पुलिस के मुताबिक, वारदात के दिन 5 बजकर 50 मिनट तक सोने वाला कंटेनर कार्गो फैसिलिटी में ही था। शाम 6 बजकर 23 मिनट पर एक 5 टन का बड़ा ट्रक फैसिलिटी के बाहर पार्क किया गया। इस ट्रक से एक फर्जी एयरवे बिल के साथ एक शख्स वेयरहाउस में दाखिल हुआ। सीसीटीवी में कैद हुए इस शख्स के हाथ में ये बिल देखा जा सकता है। ये बिल असल में सीफूड यानी समुद्री मछलियों की डिलीवरी के लिए था। जिन्हें एक दिन पहले ही कार्गो वेयरहाउस से ले जाया जा चुका था। कनाडा पुलिस के मुताबिक, असल में एयरपोर्ट के अंदर के एक आदमी ने प्रिंटर से पुराना बिल निकालकर इसे दूसरे बिल से बदल दिया था। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, शाम 7 बजकर 4 मिनट पर ट्रक का ड्राइवर वेयरहाउस में उस सोने वाले कार्गो के पास पहुंचा। 7 बजकर 27 मिनट पर कार्गो को उठाकर ट्रक में लोड किया गया और अगले 3 मिनट में ट्रक वेयरहाउस से चला गया। करीब साढ़े 9 बजे जब एक सिक्योरिटी कंपनी का असली ट्रक सोने वाला कार्गो लेने एयरपोर्ट पहुंचा, तो पता चला कि सोना तो पहले ही गायब हो चुका है। सुबह 2 बजकर 23 मिनट पर एयर कनाडा ने कनाडा पुलिस को फोन करके वारदात की सूचना दी। क्लेटेन कास्टलिनो टोरंटो में कस्टम्स क्लियरेंस बिजनेस के प्रेसिडेंट हैं। उन्होंने सीबीसी न्यूज से बातचीत में बताया कि कार्गो फैसिलिटी से कोई कार्गो ले जाने के लिए सिर्फ 2 चीजों की जरूरत होती है- कार्गो भेजने वाले की तरफ से एक लेटर और एक एयरवे बिल। इस बिल पर सही बिल नंबर होना चाहिए। चोरों के पास दोनों दस्तावेज थे। क्लेटेन के मुताबिक इनकी ठीक से जांच नहीं की गई। सवाल-2: डकैती की जांच में क्या सुराग हाथ लगे, कैसे पकड़ में आए आरोपी? जवाबः कनाडा में पुलिस महीनों सोना चोरी करने वाले ट्रक ड्राइवर की खोजबीन में जुटी रही। इधर 2 सितंबर 2023 को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में हाइवे पर एक निसान गाड़ी पकड़ी गई। गाड़ी से मोजों में भरी हुई कुछ बंदूकें मिलीं। इस गाड़ी को चलाने वाला एक कनाडियन नागरिक था। नाम था- डुरंटे किंग मैक्लीन। पेंसिल्वेनिया की पुलिस के मुताबिक, 23 अप्रैल 2023 को मैक्लीन ने हथियार खरीदकर कनाडा लाने के बारे में प्रसाद परमलिंगम नाम के एक आदमी से बात की थी। प्रसाद ने न्यूयॉर्क में मैक्लीन को पैसे दिए। मैक्लीन कई हफ्ते फ्लोरिडा के एक होटल में रुका, यहां उसने बंदूकें खरीदीं। इसके बाद उसे पेंसिल्वेनिया में गिरफ्तार कर लिया गया। इधर कनाडा की पुलिस को भी ट्रक ड्राइवर की गलती से एक अहम सुराग मिल गया था। वो एक गलती जिससे सोना चुराने वाला ट्रक ड्राइवर पकड़ा गया कनाडा पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रक के एयरपोर्ट से निकलने के बाद उसे कई जगह स्पॉट किया था। ट्रक की आखिरी फुटेज एक स्थानीय चर्च के सीसीटीवी कैमरे से मिली। इसके बाद ट्रक एक ग्रामीण इलाके में पहुंच गया, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। ड्राइवर ट्रक को कनाडा से अमेरिका ले गया और लंबे समय तक वहीं रहा। हालांकि ड्राइवर ने कनाडा एयरपोर्ट पर एक बड़ी गलती कर दी थी। जब वो सोने वाला कार्गो उठाने गया था तो उसने अपने दाएं हाथ का दस्ताना उतारा था। इससे उसके फिंगरप्रिंट्स उस फर्जी एयरवे बिल पर छूट गए। इन्हीं फिंगरप्रिंट्स के चलते ड्राइवर की पहचान हुई। ये ड्राइवर कोई और नहीं बल्कि डुरंटे किंग मैक्लीन था। वही मैक्लीन, जिसे पेंसिलवेनिया में पकड़ा गया था। कनाडा की पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच को ‘प्रोजेक्ट 24 कैरेट’ नाम दिया है। मैक्लीन के जरिए पुलिस को 8 अन्य संदिग्धों के बारे में पता चला। मूल रूप से साउथ एशियाई देशों के रहने वाले इन सभी लोगों ने मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया था। सवाल-3: डकैती का 400 किलो सोना और पैसे कहां गए? जवाबः जांच रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल से निकलने के बाद ट्रक कनाडा में करीब एक महीने तक इधर से उधर घूमता रहा। पुलिस को जांच में दो लिस्ट्स भी मिलीं, जिनके आधार पर पुलिस ने कहा कि पैसा आरोपियों ने आपस में बांट लिया और कुछ सोना पिघलाकर बेचा गया और उससे जो पैसे मिले उसका इस्तेमाल बंदूकें खरीदने में किया गया, जबकि सोने का बड़ा हिस्सा दुबई या फिर भारत भेजा गया है। ‘ऑन द ट्रेल ऑफ अफ्रीकन गोल्ड’ नाम की स्विट्जरलैंड की एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में अफ्रीका से 66% यानी करीब 405 टन सोना गैरकानूनी तरीके से दुबई में आया। 2023 में अलजजीरा ने भी अपनी एक इन्वेस्टिगेशन में कहा था कि स्मगलर्स अपना सोना दुबई में छिपाते हैं। इसके अलावा, सोना पिघलाने में इस्तेमाल किए गए बर्तन, ढलाई के काम आने वाले कुछ टूल्स और कुछ सांचे बरामद किए हैं। सीबीसी न्यूज ने अली राजा का इंटरव्यू किया। उसने खुद चोरी में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि इतना सोना उसकी रिफाइनरी में नहीं पिघलाया जा सकता। हालांकि जांच रिपोर्ट कहती है कि चोरी के बाद जलोटा और अली राजा के बीच 28 बार मैसेज पर बात हुई। सारा सोना अली राजा और दूसरे कारोबारियों को बेचा गया। उन्होंने कीमत गिरने के बाद भी एक दिन पहले की बढ़ी कीमतों पर सोना खरीदा। हालांकि अली राजा का कहना था कि जलोटा सिर्फ उसका एक कस्टमर था। टॉप डॉग अर्सलान चोरी का मास्टरमाइंड, अब तक पकड़ से बाहर जांच के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, इस पूरी चोरी का मास्टरमाइंड अर्सलान चौधरी उर्फ सनी चौधरी है। संदिग्धों ने आपस में बातचीत के दौरान उसे ‘टॉप डॉग’ कहा है। अर्सलान ने भी मैक्लीन को अमेरिका जाने और वहां हथियार खरीदने में मदद की। उसने चोरी के दिन दूसरे संदिग्धों को 800 से ज्यादा बार कॉल की और व्हाट्सएप पर भी बात की। वहीं अर्सलान को सोने की सारी जानकारी सिमरन ने दी थी। इसके अलावा पुलिस को अर्सलान के मिसिसॉगा स्थित घर से एक लिस्ट मिली थी। लिस्ट में दुबई के आगे लिखा था - 2,20,000 डॉलर। फिलहाल अर्सलान दुबई में छिपा हुआ है। कनाडा और UAE के बीच अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए कोई संधि नहीं है। सवाल-4: इस डकैती में सिमरनप्रीत की क्या भूमिका थी? जवाबः दरअसल सिमरन प्रीत सिंह पियर्सन एयरपोर्ट पर ऑपरेशंस कंट्रोल डिपार्टमेंट में सुपरवाइजर था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, चोरी की बात सामने आने के बाद पुलिस एयरपोर्ट पहुंची तो सिमरन ही पुलिस को कार्गो कंपाउंड में लेकर गया। पुलिस अधिकारियों को तभी उसके हाव-भाव देखकर उस पर शक हो गया। रिपोर्ट में लिखा है, 'जब सिमरन पुलिस ऑफिसर्स को एरिया दिखा रहा था, तब वह बीमार सा लग रहा था। वह घबराया हुआ था, उसे पसीना आ रहा था। ये अजीब था।' पुलिस ऑफिसर्स के मुताबिक, सिर्फ सिमरन ही एयरपोर्ट पर आने वाले कीमती सामान की तलाशी ले सकता था। चोरी के एक दिन बाद सिमरन ने अपने साथ काम करने वाले एक शख्स को मैसेज किया, 'मैं कुछ दिनों के लिए इससे दूर रहने के लिए इंडिया जा रहा हूं।' पुलिस को पता था कि सिमरन कनाडा छोड़ने वाला है। लेकिन उसे गिरफ्तार करने से बाकी संदिग्ध सतर्क हो सकते थे। इसलिए पुलिस ने उसे शुरू में नहीं पकड़ा। सिमरन ने चोरी के करीब तीन महीने बाद नौकरी से इस्तीफा देकर कनाडा छोड़ा। इसके बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की। सिमरन कनाडा छोड़कर भारत आ गया था। फिलहाल वह अपनी पत्नी के साथ मोहाली में रह रहा है। कनाडा पुलिस ने सिमरन पर 3 मुख्य आरोप लगाए कथित रूप से सिमरन को एक मैसेज आया। इसमें लिखा था, 'मुझे मेरे कजिन ने कल रात कार्गो से बड़ी चोरी की खबर मिली है।, Lol…। इस पर सिमरन ने जवाब दिया, 'नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ।’ रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस मामले में सिमरन सबसे ज्यादा अहम है। वह इस फूडचेन (साजिश में शामिल लोगों) में सबसे ऊपर है।' 14 फरवरी को सीबीसी न्यूज की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में पता चला था कि सिमरन अपनी पत्नी प्रीति पनेसर के साथ मोहाली के सेक्टर-79 में किराए के मकान में रह रहा है। 21 प्रीति पनेसर सिंगर और एक्टर हैं और पूर्व में मिस इंडिया युगांडा रह चुकी हैं। माना जा रहा है कि प्रीति की इस चोरी की घटना में कोई भूमिका नहीं है। कनाडा पुलिस ने सिमरन के खिलाफ भी वारंट जारी किया है। सिमरन के वकील कनाडा में उसका केस लड़ रहे हैं। कनाडाई पुलिस चाहती है कि सिमरन कनाडा में सरेंडर कर दे। वह इसके लिए उसके वकीलों से बात कर रही है। इससे पहले जून 2024 में खबर आई थी कि सिमरन कनाडा में सरेंडर कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मीडिया ने सिमरन से बात करने की भी कोशिश की, लेकिन उसने कानूनी वजहों का हवाला देते हुए बात करने से मना कर दिया। सवाल-5: ईडी की मामले में क्या भूमिका हो सकती है?
जवाब: सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता कहते हैं कि प्रर्वतन निदेशालय ने ईसीआईआर दर्ज किया है जिसे एफआईआर जैसा माना जाता है। इस मामले में 137 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी और चोरी का अपराध कनाडा में हुआ है, लेकिन तस्करी वाला सोना यदि भारत में लाया गया है तो यह पीएमएलए कानून की धारा-2 (1) (आरए) के तहत अपराध माना जायेगा। सवाल-6: क्या सिमरन पर भारत में मामला चलाया जा सकता है और उसे गिरफ्तार करके के जेल भेजा सकता है?
जवाब: विराग गुप्ता के मुताबिक, ईडी का मामला दर्ज होने के बाद सिमरन का बयान दर्ज होगा। ईडी की जांच के आधार पर सिमरन को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। पीएमएलए के मामलों में गिरफ्तारी के बाद आरोपी को जमानत मिलना भी मुश्किल है। तस्करी का सोना, नगद, संपत्ति या बैंक खातों को भी ईडी जब्त कर सकती है। जांच के बाद चार्जशीट दायर होगी और विशेष अदालत में मामला चलेगा। अपराध के अनुसार सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ सरकार या सिमरन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाए तो मामला कई साल खिंच सकता है। भारत के साथ कनाडा में भी उसके खिलाफ मामला चल सकता है क्योंकि मुख्य अपराध वहीं पर हुआ है। सवाल-7: क्या सिमरन को कनाडा पुलिस को सौंपा जा सकता है? जवाबः भारत और कनाडा के बीच फरवरी 1987 में प्रत्यार्पण संधि हुई थी। इसके लिए कनाडा की सरकार को पूरे प्रमाण के साथ भारत के विदेश मंत्रालय के माध्यम से निवेदन करना होगा। विदेशी मामलों के जानकार प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं कि कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार के समय भारत और कनाडा के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों देशों के बीच अपराधियों के प्रत्यर्पण को लेकर संधि तो है लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है। कई बड़े अपराधियों और आतंकवादियों को भारत लाने के लिए सरकार ने कनाडा से निवेदन किया है, लेकिन ऐसे कुल 26 मामले हैं, जिनमें कनाडा सरकार सहयोग नहीं कर रही। वहीं विराग कहते हैं कि भारत में सिमरन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद उसका प्रत्यर्पण खटाई में पड़ सकता है। जब तक भारत के मुकदमों में सुनवाई, फैसला, सजा या रिहाई नहीं होती तब तक उसका कनाड़ा में प्रत्यर्पण मुश्किल है। इसलिए सिमरन के प्रत्यार्पण के मामले में कानून से ज्यादा दोनों सरकारों के बीच सहमति ज्यादा महत्वपूर्ण है। मुकदमा चलने के दौरान अगर सिमरन को कनाडा भेजने का फैसला लिया गया तो उसके खिलाफ भी सिमरन हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है। हालांकि राजन कुमार ये भी कहते हैं कि ये राजनीतिक नहीं बल्कि एक आपराधिक मामला है। भारत को सिमरन के खिलाफ कनाडा ने कुछ सबूत दिए होंगे, जिसके बाद ही ED ने उसके घर पर छापा मारा है। ऐसे मामलों से देश की छवि पर असर पड़ता है, इसलिए भारत इस मामले में कनाडा का पूरा सहयोग करेगा। सीबीसी न्यूज के मुताबिक, कनाडा की कोर्ट में कुछ ही संदिग्ध पेशी पर आ रहे हैं। किसी ने भी कनाडा में कोई याचिका दायर नहीं की है। अर्सलान चौधरी कहां है, सोना कहां है, इसका पता आने वाले समय में लगेगा। कनाडा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें: आज का एक्सप्लेनर: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा क्यों दिया, अब कौन संभालेगा जिम्मेदारी; ट्रूडो की पॉलिटिक्स पर सबकुछ जो जानना जरूरी है कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी की शाम इस्तीफा दे दिया। कनाडाई मीडिया में पहले ही दावा कर दिया गया था कि ट्रूडो इस्तीफा दे सकते हैं। माना जा रहा है कि कनाडा के सबसे पॉपुलर नेता रहे जस्टिन ट्रूडो का पॉलिटिकल करियर अब खत्म होने की कगार पर है। पूरी खबर पढ़ें...